उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे के तहत सूबे के वाराणसी जिले के दौरे पर थे, शनिवार को मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किये, जिसके बाद सीएम योगी ने मंडलीय अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल के निरीक्षण के बाद सीएम योगी चौक घाट लहरतारा और मंडुआडीह में बन रहे फ्लाईओवर का निरीक्षण किया। जिसके बाद सीएम योगी ने स्वच्छ गंगा सम्मलेन (clean ganga conference) कार्यक्रम में शिरकत की।

स्वच्छ गंगा सम्मलेन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के मुख्य अंश:

राज्यों के असहयोग से गंगा में प्रदूषण:

  • गंगा हम सब की माँ है,
  • गंगा सनातन संस्कृति की प्रतीक है,
  • राज्यों के असहयोग से गंगा में प्रदूषण बढ़ा था,
  • गंगा की सफाई में हमसब की भागीदारी अहम,
  • पीएम मोदी ने गंगा स्वच्छ्ता अभियान चलाया,
  • गंगा मईया के कारण यूपी का देश और दुनिया में महत्व,
  • गंगा को बचाने के लिए प्रयास करने होंगे,
  • केवल सरकार के भरोसे गंगा को साफ़ करना उचित नहीं है,
  • गंगा किनारे बसे 1627 गांवो में शौचालय बनाये गए,
  • गंगा के लिए लोगों को जागरूक करना होगा,
  • खुले में शौच के कारण वायरस से बच्चों की मौत,

गंगा की स्वच्छता के लिए शौचालय बनायें:

  • इंसेफ्लाईटिस का मुख्य कारण भी गंदगी है,
  • जनसहयोग से इस काम को पूरा करना होगा,
  • गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग करें,
  • स्वच्छता के लिए शौचालय बनवाएं,
  • राज्यों की सहमति ने मिलने के कारण गंगा साफ़ नहीं हो पायीं,
  • 30 जनपदों को खुले में शौच से मुक्त करेंगे,
  • यूपी को खुले में शौच मुक्त बनाने का काम करेंगे,
  • गाँव के अन्दर जाइये और देखिये गाँव कितने गंदे होते हैं,
  • हम लोगों ने गांवो को गन्दा कर के रख दिया है,
  • गाँव के अन्दर का नजारा देख सर झुक जाता है,
  • हमें इसे बदलकर दिखाना है,
  • स्वच्छता, उपलब्धियां हमारी पहचान होनी चाहिए,

शौचालय का उपयोग करें:

  • गांवो में शौचालय का उपयोग करें,
  • कोई भी गंदी नाली गंगा जी में न गिरे,
  • गंगा को स्वच्छ रखने की नैतिक जिम्मेदारी निभाएं,
  • किसी गाँव-शहर का गन्दा पानी नदियों में न गिरे,
  • कारखानों का गन्दा कचरा भी गंगा में न जाने दिया जाए,
  • इसके लिए हम लोगों को खुद प्रयास करने होंगे,
  • पूजा सामग्री को भी हम लोग नदी में फेंकते हैं,
  • गंगा और नदियों किनारे कुंड बनाकर पूजा की सामग्री डाली जाए,
  • नदियों में ऐसी कोई सामग्री न पड़े जिससे प्रदूषण फैलता हो,
  • वस्त्र, दान गरीबों को दें, नदियों में न डालें।
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