हिंदी पत्रकारिता की यात्रा ने 191 साल पूरे कर लिए है। आज देशभर में हिंदी पत्रकारिता दिवस (hindi journalism day) मनाया जा रहा है। मगर इन 191 सालों में पत्रकारिता कितनी बदल गई…आइये हम आपको बताते हैं कि आज के लोग मेन स्ट्रीम कहे जाने वाले इस पत्रकारिता के बारे में क्या सोचते हैं…
जनता के लिए आज पत्रकारिता का मतलब :
- पत्रकारिता में तो अपना ही रौब है, जहां जाओ वहां अपनी ही धाक है।
- गाड़ी पर PRESS लिखवा लो कोई पुलिस वाला नही रोकेगा।
- ज्यादा बोलो नहीं..नहीं तो यहीं खड़े-खड़े तुम्हारी खबर लिखवा देंगे।
- मीडिया तक पहुंच है मेरी…
मीडिया से संबंधित लोग क्या सोचते हैं :
- इस क्षेत्र में काम कर रहे लोग पत्रकारिता को लेकर क्या सोचते हैं और कहते हैं…पढ़िए
- पत्रकारिता तो आजादी के पूर्व होती थी, आज नही।
- आज तो जो दिखता है वही बिकता है।
- आज पत्रकारिता मिशन कम कमर्शियल मीडिया ज्यादा हो गई।
- थ्योरी का नहीं प्रैक्टिकल का जमाना है।
- भूल जाओ गणेश शंकर विद्यार्थी वाली पत्रकारिता, आज जान बची तो लाखो पाओ वाला दौर है।
- ज्यादा अपना दिमाग मत लगाओ जो बॉस बोल रहे हैं बस उसे लिखो…
मीडिया के प्रोफेसर क्या राय रखते हैं :
- विद्यार्थी से प्रोफेसर का पहला सवाल- आप मीडिया में क्यों जाना चाहते हैं?
- आप मीडिया की पढ़ाई करने आ तो गए हैं मगर यह राह (मीडिया) बहुत कठिन है।
- अगर आप सच्चे और सफल पत्रकार बनना चाहते हैं तो रोजाना 6-8 अखबार पढ़िए।
- साथ ही करेंट अफेयर्स से अपडेट रहिए, फॉरेन पॉलिसी को जान लीजिए आगे काम आयेगी।
- इस क्षेत्र में पैसा बहुत ही कम हैं सर्वाइव कर पाना बहुत ही मुश्किल है, मीडिया की नौकरी से सारी जरूरतें पूरी नहीं हो सकती है।
- अगर अच्छा फ्यूचर चाहिए तो मास्टर्स करके नेट निकाल लीजिए, एमफिल और पीएचडी कर लीजिए।
नेता के लिए मीडिया का मतलब :
- क्या मीडिया, मीडिया लगा के रखे हो, क्या उखाड़ लोगे मेरा, जाओ जो करना है कर लो…
- हम तो मीडिया को अपने जेब में लेकर चलते हैं।
- मीडिया के सामने पैसा फेंको तमाशा देखो।
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