पूरे उत्तर प्रदेश में एसिड बिक्री (Acid sale) में अनियमिता के सम्बन्ध में अब तक मात्र 01 एफआईआर दर्ज करायी गयी है। यह तथ्य उमेश कुमार तिवारी, अनु सचिव, गृह पुलिस द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना से सामने आया है।
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एसिड बिक्री हेतु कुल 118 लाइसेंसी
- नूतन ने शासन से उत्तर प्रदेश द्वारा एसिड आदि की बिक्री के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के क्रम में बनायी गयी नियमावली के उल्लंघन के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही का विवरण माँगा था।
- गृह विभाग ने अपनी सूचना में बताया कि प्रदेश में एसिड बिक्री हेतु कुल 118 लाइसेंसी हैं।
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- इसमें सबसे अधिक मिर्जापुर तथा भदोही में 11-11, फरुखाबाद में 10 तथा वाराणसी एवं लखनऊ में 9 लाइसेंसी हैं।
- 50 जिलों में एसिड बिक्री हेतु कोई लाइसेंस नहीं है जिसमे आगरा, बरेली, कानपुर नगर भी शामिल हैं जबकि गाजियाबाद और नॉएडा में1-1 लाइसेंसी हैं।
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प्रचार-प्रसार हेतु प्रदेश में हुईं कुल 346 बैठकें
- सूचना के अनुसार एसिड बिक्री रोक के प्रचार-प्रसार हेतु पूरे प्रदेश में कुल 346 बैठकें हुईं जिसमे सर्वाधिक 23 मेरठ तथा 22 सिद्धार्थनगर में हुई।
- इस सम्बन्ध में जनपदीय टीमों द्वारा 343 निरीक्षण हुए जिसमे 66 रायबरेली, 48फिरोजाबाद और 29 एटा में हुए जबकि इनमे एक भी लाइसेंसी नहीं हैं।
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- इन निरीक्षण में कुल 12 अनियामितात्यें पायी गयीं जिनमे मात्र कासगंज में 01 एफआईआर दर्ज हुआ जबकि रायबरेली में रायबरेली में 01 अवैध स्टॉक सील किया गया तथा 04 स्थानों पर नोटिस जारी किया गया।
- नूतन के अनुसार उपरोक्त सूचना शासन द्वारा (Acid sale) इतने महत्वपूर्ण बिंदु पर भारी लापरवाही को स्वतः सामने लाती है।
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