केंद्र सरकार और वित्तमंत्रालय द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है कि किसी तरह से आगामी एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर को लागू किया जा सके. ऐसे में वित्तमंत्रालय द्वारा लगातार कई बार GST की काउंसिल मीटिंग की जा चुकी है. परंतु अब इस कर विधि के विरोध में स्वर उठने लगे हैं.
कर्फ्यू से उभरने के बाद अब बंद की मार :
- मध्य प्रदेश इन दिनों अपने बुरे समय से गुज़र रहा है,
- जहाँ हाल ही में किसानों द्वारा आंदोलन किया गया है.
- बता दें कि इस राज्य में जहाँ एक ओर आंदोलन हो रहा है,
- वहीँ दूसरी ओर अब व्यापारियों द्वारा विरोद के स्वर सुनाई दे रहे हैं.
- बता दें कि गुरुवार को मध्यप्रदेश के भोपाल के व्यापारियों द्वारा बंद का ऐलान किया गया है.
- जिसके चलते सभी चोटी से बड़ी दुकानें बंद हैं और इस बंद से विरोध कर रहे हैं.
- आपको बता दें कि यह बंद जल्द लागू होने वाले कर GST के विरोध में किया जा रहा है.
- गौरतलब है कि सरकार द्वारा पूरी कोशिश की जा रही है कि एक जुलाई से इस कर को लागू किया जा सके.
- जिसके लिए हाल ही में वित्तमंत्रालय के सभी दिग्गजों द्वारा एक काउंसिल मीटिंग भी बुलाई गयी थी.
- बता दें कि इस काउंसिल मीटिंग में सभी वस्तुओं के मूल्य पर कर तय करने हेतु इस बैठक को किया गया था.
- जिसके बाद 133 वस्तुओं में से 66 वस्तुओं की कर की कद को घटा दिया गया है.
- हालाँकि अभी तक बहुत से राज्य इस कर व्यवस्था को मानने से इनकार कर रहे हैं.
- ऐसे में सरकार द्वारा 17वीं GST काउंसिल की बैठक बुलाई गयी है.
- जो आगामी रविवार को होनी तय हुई है जिसमें मंत्रालय सभी कुंठाओं को समप्त कर देंगे.
- परंतु जो मौजूदा हालात भोपाल के हैं उसे देखकर यही लगता है कि जनता पर ही हर चीज़ का प्रभाव होता है.
- साथ ही जनता ही हर बंद और आंदोलन की मार झेलती है.
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