उन्नावःगेहूं खरीद में एजेंसियां इस बार भी सफल नहीं हो सकी हैं। वजह चाहे कुछ भी हो लेकिन वो दिया गया टारगेट पूरा करने में नाकाबिल साबित हो चुकी हैं। हर बार की तरह इस बार भी कुछ एजेंसियां अपना काम ठीक से नहीं कर पायी हैं। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना होगा।
50 फीसदी ही कर सकी गेहूं खरीद
- सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी गेहू खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है।
- जानकारी के मुताबिक आठ एजेंसीज में तीन अपना टारगेट पूरा नहीं कर पायी।
- जबकि पांच एजेंसीज ने अपना टारगेट जो की सरकार ने दिया था पूरा कर दिया है।
- इस बार 46 क्रय केंद्र खोलकर गेहूं की खरीद करनी थी.
- जिसके लिए 72500 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य था।
- समय जो की निर्धारित किया गया था उसमे अब तक 40026 मीट्रिक टन गेंहू ही खरीदा जा सका है।
- जिसके मुताबिक गेहूं खरीद का टारगेट पूरा नहीं हो सका है।
- वही दूसरी तरफ चित्रकूट में इस बार 54.75 प्रतिशत ही गेहूं की खरीद हुई है।
- जबकि गेहूं खरीद का लक्ष्य 38000 मीट्रिक टन दिया गया था।
- कुछ कारणोंवश लेकिन 20804.633 मीट्रिक टन ही गेहूं खरादा जा सका है।
- कई खरीद केंद्रों मेें असुविधा से कर्मचारियों को तो परेशानी का सामना करना पड़ा है।
- साथ ही किसानों के सामने भी काम मुश्किले नहीं है।
- वही मुजफ्फरनगर में गेहूं खरीद में पिछले साल का रिकार्ड टूट गया।
- भले ही शासन से मिला गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया हो।
- लेकिन इस बार पिछले साल की अपेक्षा दोगुना गेहूं की खरीद हुई है।
- सरकार ने 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया था, जिसमें प्रशासन ने 16 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की।
- पिछले साल की बात करे तो सरकार ने आठ हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की थी।
- जबकि गेहूं खरीद के लिए सरकार ने जो लक्ष्य रखा था वो 26 हजार मीट्रिक टन था ।
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