आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो एटीएम कार्ड का उपयोग नही कर होगा। इसकी आम जिंदगी में क्या अहमियत है। यह नोटबंदी के दौरान भारतीयों से बेहतर कोई नहीं जानता है। जिस एटीएम कार्ड को आप रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग कर रहे हैं। वह पूरे 50 साल का हो गया है अर्थात् आज एटीएम का 50वां जन्म दिवस है। मगर क्या आप जानते है इसका निर्माण किसने क्या…? नहीं तो आइये हम आपको बताते हैं।
एटीएम से संबंधित जानकारी :
- आज ही के दिन 27 जून 1967 को उतरी लंदन के इनफिल्ड कस्बे में पहला एटीएम शुरू हुआ था।
- एटीएम का पूरा नाम ऑटोमेटेड टेलर मशीन है।
- इसे संक्षिप्त में एटीएम कहते हैं।
- एटीएम मशीन का विकास श्रेय जॉन शेफर्ड-बैरोन और उनकी इंजीनियरिंग टीम ने किया था।
- एक ब्रिटिश प्रिंटिंग कंपनी डे ला रू के लिए काम करते हुए शेफर्ड और उनकी टीम ने डे ला रू ऑटोमेटेड कैश सिस्टम मशीन तैयार की थी।
- उन्हें इस मशीन को विकसित करने का आईडिया चॉकलेट वेंडिंग मशीन से आया था।
- जॉन शेफर्ड बैरोन का जन्म 23 जून 1925 को भारत के शिलॉन्ग में हुआ था और उनकी मृत्यु 2010 में स्कॉटलैंड में हुई।
जब भारत में शुरु हुआ पहला एटीएम :
- भारत में 1987 में देश का पहला एटीएम शुरू हुआ था।
- इसे मुंबई में HSBC बैंक की शाखा ने लगाया था।
- तब से लेकर अबतक लाखों एटीमएम मशीन दुनिया भर में लग चुकी हैं।
- जिसका फायदा हर कोई उठा रहा है।
- देश में अप्रैल 2017 तक 2 लाख 7 हजार 813 एटीएम काम कर रहे हैं।
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