उत्तर प्रदेश में बहुमत से बीजेपी की सरकार बनने और केंद्र में पहले से ही बैठे होने के चलते बाहरी नेताओ के बीजेपी में शामिल होने की होड़ मची है। वहीं चुनावों में जीत के बाद पहली बार बीजेपी अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने जा रही है। इस बार बाहरी नेताओं-कार्यकर्ताओं को भाजपा में आने से पहले क्षेत्रीय ‘संघ’ की हरी झंडी का इंतेजार रहेगा। सूत्रों के मुताबिक सपा व बसपा के कई सीनियर सेकेंड लाइन के नेता भाजपा में आने के लिए दिल्ली व सीएम योगी से बात कर रहे हैं।
बीजेपी में आने से पहले संघ की लगेगी मोहर
- संघ की ओर से ऐसे नेताओं के बारे में भी क्षेत्रीय स्तर पर पता कराया जाएगा।
- सदस्यों के परिवार में कोई कभी किसी शाखा का मेंबर रहा है अथवा नहीं।
- यूपी में दूसरी पार्टी से बीजेपी में आने वाले नेताओं के लिए उनके क्षेत्रीय संघ की हरी झंडी जरुरी।
- संघ के स्वयं सेवकों से उनके क्षेत्रीय सामाजिक योगदान के बारे में भी जानकारी हासिल की जाएगी।
कई लेवल की जांच के बाद होंगे पार्टी में शामिल
- सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा भीड़ ऐसे नेताओं की है जो कि अपनी कुर्सी बचाना चाहते हैं।
- ऐसे में सबसे ज्यादा भीड़ जिला पंचायत अध्यक्षों की है।
इसके बाद ब्लॉक अध्यक्षों को भी अविश्वास प्रस्ताव आनें का डर सता रहा है। - साथ ही आगामी निकाय चुनावों पर भी पार्टी की नजर लगातार बनीं हुई है।
- इसके तहत भी इस फैसले को पार्टी की ओर से बेहतर माना जा रहा है।
- बीजेपी में दूसरी पार्टी से आनें वाले क्षेत्रीय नेताओं व कार्यकर्ताओं कमिटी करेगी 3 स्तरीय जाँच।
- कमेटी तय करेगी कि नेता या र्कायकर्ता को पार्टी में शामिल कराया जाए या नहीं।
- साथ ही किस स्तर पर शामिल कराया जाएगा।
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