किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में आये दिन नए नए शोध होते रहते हैं। इसी कड़ी में इस बार बायोकेमिस्ट्री विभाग के एचओडी डॉ. एए मेंहदी की शागिर्दी में नाइजीरिया के पोर्ट हार्टकोर्ट विश्वविद्यालय की सीनियर लेक्चरर डॉ. ऐ नदीदी एजेजियोफर शोध करने के लिए केजीएमयू पहुंची हैं। जानकारी के मुताबिक वह दि वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेज, ट्राइस्टे इटली के फेलो के रूप में शोध कार्य करेंगी। डॉ नदीदी ने सोमवार को कुलपति प्रो.एमएलबी भट्ट से भेंट की। उन्होंने अपने शोध कार्य के लिए प्रो.मेहदी को रिपोर्ट भी किया है।
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नाइजीरियाई पौधों से तैयार दवाओं पर करेंगी शोध
- चिकित्सा विश्वविद्यालय ने उनके शोध के बारे में बताया है।
- डॉ. नदीदी केवल नाइजीरियाई पौधों से तैयार दवाओं से चूहों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है।
- साथ ही विटामिन सी और लहसुन के साथ तैयार दवाओं से चूहों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है।
- इन सब पर ही अपना शोध करेने के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय आयी हैं।
- इसके अतिरिक्त कैंसर पर इन दवाओं का क्या असर होता है इस पर भी शोध करेंगी।
- आपको बता दें की इससे पहले बीती 20 मई से नाइजीरिया के एक अन्य फेलो डॉ. सीजेड उके ने भी डॉ मेहदी की शागिर्दी में शोध किया हैं।
डॉ. नदीदी का केजीएमयू में हुआ स्वागत
- प्रो भट्ट ने डॉ नदीदी का स्वागत करते हुए केजीएमयू के बारे में उन्हें विस्तार से जानकारी दी।
- उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रो. मेहदी द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।
- प्रो. भट्ट ने विदेशी शोधकर्ताओं को केजीएमयू की ओर से पूरी सहायता देने का भरोसा दिया।
- केजीएमयू का बायोकेमिस्ट्री विभाग सीसा के जहर पर शोध करने वाला राष्ट्रीय रेेफरल सेंटर है।
- उन्होंने बताया कि इस केंद्र पर अन्य हैवी मैटल की रक्त में उपलब्धता के साथ ही रक्त में सीसे की उपलब्धता की मात्रा नापने की भी सुविधा है।
- उन्होंने बताया कि सीसे का मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
- इस पर विभाग मेंं शोध चल रहा है तथा प्रो मेहदी के नेतृत्व में इस विभाग को कई पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं।
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