सिर में दर्द हो या हल्‍का बुखार बिना डॉक्‍टर की सलाह के पैरासिटामॉल की खोली खा ली और मिल गया झटपट आराम। ज्‍यादातर लोग ऐसा ही कुछ करते हैं। सेल्‍फ मेडिकेशन एक आसान सस्‍ता है और कम समय में होने वाला उपाय लगता है लेकिन, कम समय में मिलने वाली यह राहत जल्‍द ही स्‍थाई आदत में बदल जाती है और शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इससे लिवर फेलियर या लिवर डैमेज का भी खतरा हो सकता है। ख़ास कर के ये दवा गर्भवती महिलाओं के लिए भी काफी नुकसानदायक हो सकती है जिससे गर्भस्थ शिशु को भी खतरा हो सकता है।

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बच्‍चों के लिए भी है नुकसानदेह

  • एक ऐसी दर्द निवारक दवा है जिसे दर्द होने पर सामान्‍य लोगों के साथ ही गर्भवती भी ले लेती हैं।
  • लोहिया अस्‍पताल के डॉ. एस के श्रीवास्‍तव बताते हैं कि बच्‍चों को 101 से 103 बुखार होने पर ही पैरासिटामॉल देनी चाहिए।
  • और अधिक नुकसानदेह न होने के कारण यह बिना डॉक्‍टरों की स्लिप के भी किसी को मेडिकल स्‍टोर से मिल जाती है।
  • बिना डॉक्‍टर की सलाह से लगातार कई सालों तक यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं।
  • क्‍योंकि मामूली बुखार में इसे बार-बार लेना फायदे के बजाय नुकसानदेह हो सकता है।
  • इस दवा का कि‍डनी पर भी काफी बुरा असर हो सकता है।
  • दर्द निवारक के रूप में पैरासिटामॉल का लंबे समय तक सेवन बहुत हानिकारक हो सकता है।
  • ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के शोधकर्ताओं के मुताबिक ऑस्टियोअर्थराइटिस एवं पीठ दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामॉल का उपयोग करते हैं।
  • जो कि किडनी को नुकसान पहुंचाती है जिसका खामियाजा अधिक उम्र में भुगतना पड़ता है।

गर्भस्‍थ शिशु के विकास में हो सकती है रूकावट

  • गर्भवती के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली पैरासिटामॉल यह गर्भस्‍थ शिशु के विकास में रूकावट पैदा करती है।
  • कई बार इसके सेवन से शरीर पर लाल चकत्‍ते या एलर्जी भी हो जाती है।
  • इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के पैरासिटामॉल दवा का सेवन बार बार या लगातार नहीं करना चाहिए।
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