जर्मनी के हैमबर्ग में जी20 शिखर सम्मेलन चल रहा है। इस सम्मेलन में अमेरिका उस वक्त अलग-थलग पड़ गया, जब भारत और समूह के 18 अन्य सदस्यों ने पेरिस जलवायु समझौते को बदला नहीं जा सकने वाला करार दिया। भारत समेत 18 अन्य सदस्यों ने इस ऐतिहासिक समझौते का समर्थन किया जिससे वाशिंगटन ने अलग होने का निर्णय लिया है।
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मेजबान जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने दिया बयान :
- जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने कहा कि दुर्भाग्यवश अमेरिका पेरिस समझौते के खिलाफ खड़ा रहा।
- आगे कहा कि लेकिन अन्य सभी सदस्य देशों ने इस समझौता का समर्थन किया।
- पेरिस समझौते से अमेरिका के पीछे हटने के फैसले को ध्यान में रखते हुए जी20 की आधिकारिक रिलीज जारी की।
- रिलीज में कहा अन्य जी20 सदस्यों के नेताओं ने सहमति जताई कि पेरिस समझौते में परिवर्तन नहीं किया जा सकता।
- इसमें भ्रष्टाचार, टैक्स चोरी, आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद और धनशोधन के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई गई।
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सम्मेलन में पीएम मोदी समेत कई शीर्ष नेताओं ने लिया भाग :
- इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा मार्केल और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत विश्व के कई शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।
- इस दौरान शहर में अभूतपूर्व हिंसक प्रदर्शन हुए।
- जहां हजारों पूंजीवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ।
- दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में भारतीय पक्ष को आतंकवाद को रोकने पर समर्थन किया गया।
- साथ ही वैश्विक व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के संकल्प में महत्वपूर्ण योगदान देते देखा गया।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ पारित हुआ उच्च स्तरीय सिद्धांत :
- नेताओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित होने संबंधी जी20 के उच्च स्तरीय सिद्धांतों को आज पारित किया।
- जिनमें कहा गया कि भ्रष्टाचार सरकार के दक्ष और प्रभावी संचालन के अलावा निर्णय लेने में निष्पक्षता और सरकारी सेवाओं को उचित तरीके से मुहैया कराने की प्रकिरया को बाधित करता है।
- जी20 भ्रष्टाचार रोधी कार्य योजना 2017-18 भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित होने समेत सार्वजनिक क्षेत्र की अखंडता और पारदर्शिता को प्राथमिकता मानती है।
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