आजकल रेलवे की गलती का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। रेलवे टिकट निरस्तीकरण पर जीएसटी बता यात्रियों की जेबे काट रहा है। और यदि पहले की बात करें तो पहले ट्रेन निरस्त होने पर पूरा रिफंड यात्रियों को मिलता था। उदहारण के लिए आपको बता दें की नौचंदी एक्सप्रेस सहारनपुर के पास डबलिंग के चलते निरस्त हो गयी। ट्रेन निरस्त होने के बावजूद यात्रियों को उनका ई टिकट रद करने पर 65 रुपये शुल्क काट लिया गया। वही मेरठ राज्यरानी एक्सप्रेस निरस्त होने पर यात्रियों के 85 रुपये शुल्क के तौर पर काट लिए गए।
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यात्री भुगत रहे खामियाजा
- रेल यात्रा करने वाले यात्रियों की जेब पर इन दिनों ऐसे ही डाका डाला जा रहा है।
- रेलवे ने टिकट निरस्तीकरण पर भी जहां जीएसटी लगा दिया है।
- वहीं रेलवे की गलती के कारण ट्रेनें निरस्त होने पर भी यात्रियों को पूरा रिफंड नहीं मिल रहा है।
- ऐसे में रोजाना हजारों यात्रियों को चूना लग रहा है।
किसी ट्रेन के तीन घंटे से अधिक लेट होने पर रेलवे यात्रियों को उनके किराए का पूरा रिफंड वापस करता है। - एक जुलाई से टिकट बनाने और उनको निरस्त दोनो ही प्रक्रिया में जीएसटी लागू हो गयी है।
- हालांकि रेलवे ने जीएसटी की व्यवस्था उन टिकटों पर भी लागू कर दी है जिनमें ट्रेनें तीन घंटे से अधिक लेट होती है।
- इन दिनों लखनऊ की दो महत्वपूर्ण ट्रेनों को रेलवे ने 13 जुलाई तक निरस्त कर दिया है।
- इसमें इलाहाबाद से मेरठ तक जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस और लखनऊ मेरठ राज्यरानी एक्सप्रेस शामिल हैं।
- दोनो ट्रेनों से रोजाना करीब 1200 यात्री लखनऊ से रवाना होते हैं।
- ऐसे में इन दोनो ट्रेनों के यात्रियों को अपने टिकट निरस्त करवाने पर पूरा किराया तक नहीं मिल रहा है।
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