केजीएमयू में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों को महज यहां इलाज के लिए एक से दूसरी जगह नहीं भटकना पड़ता बल्कि यहां के डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाएं भी ऐसी होती हैं जो वेलफेयर की दवा दुकानों से लेकर बाहर की भी अधिकतर दवा दुकानों पर नहीं मिलतीं। लिहाजा परिजन ऐसी दवाओं को पाने के लिए पहले भटकते व लूटते हैं। दिलचस्प यह कि छोटी सी पर्ची पर लिखी यह दवाएं हजारों की होती हैं। कमीशनखोरी के लालच में यह सब खेल होता है। जिसका खामियाजा मरीज भुगतता है।
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पर्चियों पर लिखी जा रहीं ब्रांडेड दवाएं
- केजीएमयू में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की मुसीबत काम होने का नाम नहीं ले रही है।
- हर दिन यहाँ इलाज के लिए लाखों की संख्या में मरीज दूर दराज के इलाकों से आते हैं।
- लेकिन, उन्हें यहाँ भी अपने इलाके के सामान ही तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- ट्रॉमा सेंटर के आर्थो विभाग में भर्ती मरीज के तीमारदार ने बताया डॉक्टर हर घंटे दो से तीन पर्चियां थमा रहे हैं।
- मरीज को बार-बार बाजार की दवाएं लिखी जा रही हैं।
- 24 घंटे के भीतर तीन हजार रुपये की दवाएं बाहर से मंगा चुके हैं।
- इसी तरह तीमारदार अनिल का मरीज इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में भर्ती है।
- डॉक्टर मंगलवार शाम से अब तक उसे दस पर्चियां लिख चुके हैं।
- प्रत्येक पर्ची में दो से तीन दवाएं लिखी जा रही हैं। दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।
- इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं। ट्रॉमा सेंटर में अधिकारियों के बावजूद जूनियर डॉक्टरों पर लगाम कसने वाला कोई नहीं है।
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- जूनियर डॉक्टर खुलेआम मरीजों को बाहर की जांच और दवाएं लिख रहे हैं।
- सबसे ज्यादा मरीजों से लूट जनरल सर्जरी, हड्डी और मेडिसिन विभाग में चल रही है।
- ट्रॉमा सेंटर में खून की ज्यादातर जांच की सुविधा न होने से मरीजों के नमूने बाहर भेजे जा रहे हैं।
- न्यूरोलॉजी में भर्ती मरीज के तीमारदार ने बताया कि डॉक्टरों ने डायबिटीज व बायोकैमेस्ट्री की तमाम जांचें लिख दी।
- ये जांचें दो हजार रुपये की हुई। बाहर ये जांचे पांच हजार रुपये में हो रही थी।
- लेकिन डॉक्टरों ने चौक चौराहा स्थित एक पैथोलॉजी सेंटर से ही जांच कराने को कहा था।
- मौजूद स्टाफ ने ही बताया कि यहां पैथोलॉजी के दलालों व दवा कपनियों का जबरदस्त कॉकस है।
- जो कमीशन का लालच देकर डॉक्टरों से कुछ भी करा लेते हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- ट्रॉमा वन प्रभारी डॉ. हैदर अब्बास का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर में वेलफेयर सोसाइटी को नोटिस जारी कर आदेश दिया जाएगा।
- कि वह सभी दवा ट्रॉमा में ही उपलब्ध करवाएं।अगर कोई तीमारदार यह शिकायत करता है।
- कि उससे बाहर की महंगी दवा मंगवायी जा रही है।तो उस मामले की पूरी तरह से जांच होगी।
- हम अक्सर ट्रॉमा में टहलने वाले दलालों के विरुद्ध कार्रवाई करते रहते हैं।
- अगर कोई दलाल सामने नजर आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाई जायेगी।
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