लखनऊ विकास प्राधिकरण में जो न हो, कम है। यहां गलत समायोजन, फर्जी रजिस्ट्री, फर्जी भवनों के निर्माण की घटनाएं आम हैं। दिलचस्प यह कि यहां ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसकी उम्मीद करना भी आसान नहीं। ऐसा ही एक मामला यहां एलडीए की फर्जी रजिस्ट्री को लेकर आया है। जिसके आधार पर एक करोड़ रुपए लोन ले लिया गया।

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दर्ज कराया गया मुकदमा

  • व्यवसायी ने यूनियन बैंक से एक करोड़ रुपए का लोन लेने के बाद रुपए जमा नहीं नहीं किये।
  • जब लोन के रिकवरी की बारी आई तो संबंधित मकान नंबर तक मौके पर नहीं पाया गया।
  • फिलहाल बैंक के महाप्रबंधक ने व्यवसायी के खिलाफ गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
  • सुमित चतुर्वेदी नामक एक युवक ने अलीगंज स्थित भूखंड संख्या जी/1/जी सीतापुर रोड की एक फर्जी रजिस्ट्री दिखायी थी।
  • उसके बाद इस फर्जी रजिस्ट्री पर इंडियन बैंक से एक करोड़ रुपए लोन लिया।
  • उसके पास एलडीए से जारी एक एनओसी भी थी।
  • सुमित चतुर्वेदी ने अपना अस्थाई पता गार्डन ब्लू अपार्टमेंट हजरतगंज दिखा रखा है।
  • इस लोन में उसने मंजू लता और वंशराज को गारंटर भी बना रखा है।

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  • जब लोन की किस्त नहीं जमा हुई तो इंडियन बैंक ने जांच कराई।
  • जांच के बाद ही संबंधित रजिस्ट्री का पता भी फर्जी पाया गया।
  • इस दौरान जीएम संजय लाड़े ने गाजीपुर थाने में सुमित चतुर्वेदी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
  • इस मामले की विवेचना कर रहे एसआई ओपी तिवारी ने बताया कि एलडीए वाले भी रजिस्ट्री की कापी नहीं दे पा रहे हैं।
  • लोन लेने के लिए सुमित चतुर्वेदी ने सात कागजों को लगाया था। सातों कागजात फर्जी पाये गए हैं।

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