उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. भूमि अधिग्रहण मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को बड़ा झटका दिया है.
पुराने कानून से किया गया भूमि अधिग्रहण रद्द-
- यमुना एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण किया गया था.
- इस भूमि अधिग्रहण के खिलाफ DPS पब्लिक स्कूल और सैकड़ों किसानों ने याचिका दाखिल की थी.
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामल में सुनवाई करते हुए आज यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को बड़ा झटका दिया है.
- कोर्ट ने जहाँ गौतमबुद्ध नगर के आछेपुर गांव में पुराने कानून से किया गया भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया.
- वहीँ 2013 के नये कानून से किसानों को दो माह में मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है.
- कोर्ट ने प्लान डेवलपमेंट के लिए भूमि अधिग्रहण में अरजेन्सी क्लॉज को अवैध करार दिया है.
2010 में दाखिल की गई थी याचिका-
- यमुना एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए 26 फरवरी 2009 को 81.9120 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हुआ था.
- जिसके बाद याचिकाकर्ता वीर सिंह और 21 अन्य ने 2010 में अधिग्रहण के खिलाफ याचिका दाखिल की थी.
- इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही थी.
- जिसपर आज जस्टिस ए पी शाही और जस्टिस राजीव लोचन मेहरोत्रा की डिवीजन बेंच ने आदेश दिया है.
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