गोमती नगर के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज को लेकर डॉक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे। गुरुवार को भी चिकित्सकों की लापरवाही के चलते एक प्रसूता की मौत हो गई थी। महज कुछ ही घंटों में अपनी पत्नी को गंवा देने के बाद उनके पति व परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की जांच कराने के आदेश दिए हैं।
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चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप
- बस्ती निवासी गर्भवती शानू गौड़ (26)को परिजनों ने गुरुवार सुबह लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया।
- गर्भवती शानू को बस्ती के एक अस्पताल में दिखने के बाद उसे वहां से रेफर किया गया था।
- इसके बाद इमरजेंसी में मौजूद डॉ. निरुपमा सिंह ने दोपहर को शानू का ऑपरेशन किया गया।
- प्रसव के बाद भी शानू की स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
- इस दौरान परिवारीजनों ने शानू की सेहत में सुधार न होने की बात कही।
- पति दयाशंकर के अनुसार, शानू के भर्ती होने के बाद भी डॉक्टर से लेकर नर्स व अन्य स्टाफ इलाज के प्रति लापरवाह रहे।
- करीब दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई। एकदम से शानू को खो देने पर परिवारीजन हतप्रभ रह गए।
- इसके बाद परिवारीजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।
- इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
- पति दयाशंकर ने कहा कि यहां के डॉक्टरों ने लापरवाही की है।
- अगर वह इलाज करने में सक्षम नहीं थे तो उन्हें रिफर कर देना चाहिए था।
- वह अपनी पत्नी को क्वीनमेरी ले जाते लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं किया और मेरी पत्नी को मार डाला।
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- आरोप हैं, ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों से कोई नस कट गई।
- हालांकि बताया जा रहा है कि शानू का यह तीसरा ऑपरेशन था।
- वहीं, बस्ती में उसकी स्थिति खासी बिगड़ गई थी। इसके बाद ऑपरेशन किये जाने पर मौत हुई।
- अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक, महिला डॉ. सरिता सक्सेना ने कहा कि यह दुखद है।
- लेकिन डॉ. निरुपमा सिंह काफी सीनियर डॉक्टर हैं। ऐसे में लापरवाही के आरोप बेबुनियाद हैं।
- मौत कैसे हुई यह देखना होगा लेकिन यह बात सच है कि उक्त महिला की स्थिति खासी गंभीर थी।
- उसी हालत में उसे यहां लाया गया था।
सुरक्षित है नवजात
- मामले में अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने कहा कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की घटना है।
- इलाज का हर संभव प्रयास किया गया होगा लेकिन ऐसे कुछ कह पाना संभव नहीं है।
- अगर शिकायत आती है तो मामले की जांच करवायी जाएगी।
- अगर कोई दोषी मिला तो कार्रवाई भी होगी।
- आपको बता दें कि शानू की तो मौत हो चुकी है लेकिन नवजात सुरक्षित है।
- ऐसे में दुधमुंहे बच्चे ने आंख खोलते ही अपनी मां को खो दिया।
- वहीं, दयाशंकर के लिए भी अब तीन बच्चों को पालना आसान न होगा।
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पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
- हालांकि लोहिया अस्पताल की महिला इमरजेंसी में प्रसूता की मौत की यह पहली घटना नहीं है।
- इससे पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं।
- बीते तीन माह पूर्व गर्भवती की मौत हो जाने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया था।
- इस पर तुरंत स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह लोहिया अस्पताल पहुंचे थे।
- और उन्होंने दंडात्मक कार्रवाई करते हुए दो चिकित्सकों को निलंबित भी किया था।
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