अपने पद का गलत तरीके से इस्तेमाल कर अपनी बेटियों के नाम दो भूखंड आवंटित करने के केस में पूर्व चीफ सेक्रेटरी नीरा यादव (Neera Yadav) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने नीरा यादव की सजा को 3 साल से घटाकर 2 साल कर दिया है. नीरा यादव यूपी की पूर्व चीफ सेक्रेटरी हैं और उनपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे.
चीफ सेक्रेटरी रह चुकी हैं नीरा यादव:
- सीबीआई की विशेष न्यायाधीश एस लाल की अदालत ने नीरा यादव को नोएडा भूखंड आवंटन मामले का दोषी पाया था.
- जिसके लिए उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई थी.
- नीरा यादव ने अपनी सजा को खत्म किए जाने के लिए अर्जी लगाई थी.
- इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
- 2005 में समाजवादी सरकार में नीरा यादव को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था.
नॉएडा लैंड स्कैम- UFLEX को मिली थी जमीन:
- तत्कालीन मुख्य सचिव नीरा यादव को अशोक चतुर्वेदी की कंपनी ‘UFLEX LTD’ को लाभ पहुँचाने का दोषी पाया गया था.
- नॉएडा में कंपनी को जमीन देने के मामले में नीरा यादव को जस्टिस विनोद प्रसाद की बेंच ने जमानत दे दी है.
- कड़ी सुरक्षा के बीच नीरा यादव को अशोक चतुर्वेदी को गाजियाबाद की दासना जेल में 7 दिसम्बर को भेज दिया गया था.
- भ्रष्टाचार और साजिश रचने के जुर्म में इन दोनों को सीबीआई कोर्ट से सजा मिली थी.
- यही नहीं यूपी आईएएस एसोसिएशन पोल 1997 के दौरान नीरा यादव को सबसे भ्रष्ट अधिकारी माना गया गया था.
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