राजधानी में बीते एक महीने के अन्दर स्वाइन लू के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसी के मद्देनजर केजीएमयू प्रशासन ने ऐसे मरीजों के लिए ओपीडी की शुरुआत की है। इस ओपीडी के माध्यम से स्वाइन लू के संदिग्ध मरीजों को इलाज मुहैया कराया जाना है। वहीं सर्दी ,जुकाम व बुखार के मरीजों के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन काउंटर की व्यवस्था भी की गयी है।लेकिन, आपको बता दें की स्वाइन फ्लू मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते केजीएमयू में स्वाइन फ्लू की जांच किट का अभाव कभी भी हो सकता है।
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बजट बना रोड़ा
- स्वाइन फ्लू की चपेट में आये मरीज को सुगमता से इलाज दिलाने का हर प्रयास इस दौरान किया जा रहा है।
- वही अन्य मरीजों और तीमारदारों को भी इसका संक्रमण न हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
- लेकिन, इसी बीच केजीएमयू में स्वाइन फ्लू मरीजों की जांच करने वाली किट ही ख़त्म होने वाली है।
- साथ ही जानकारी के मुताबिक स्वाइन फ्लू की किट खरीदने के लिए अभी प्रशासन के पास बज़ट भी नहीं है।
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- अब ऐसे में यदि और स्वाइन फ्लू के मरीज आते हैं तो उनकी जांच ही मुश्किल हो जाएगी।
- आपको बता दें की राजधानी में मात्र केजीएमयू में स्वाइन फ्लू की निशुल्क जांच होती है।
- माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि टेस्ट किट के लिए बज़ट नहीं मिला है।
- ऐसे में पुराने स्टॉक में मौजूद किट से ही जांच हो रही है।
- पहले शुरुआत में जहाँ रोजाना जांच के लिए चार से पांच सैंपल आते थे।
- अब वही रोजाना जांच के लिए 50 से 60 सैंपल आ रहे हैं।
- ऐसे में उम्मीद है की कभी भी जांच किट ख़त्म हो सकती है।
- और जब भी ऐसा होगा तो मरीजों को परेशानी हो सकती है।
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