महाराष्ट्र के लेखक नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में सीबीआई ने हिंदू जनजागृति के कार्यकर्ता वीरेंद्र तावड़े को गिरफ्तार कर लिया है।

दाभोलकर अन्धविश्वास के खिलाफ लड़ाई के लिए भी जाने जाते थे। दाभोलकर अन्धविश्वास ने कई सालों तक काला जादू जैसे अन्धविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ी। लेकिन जीवित रहते उसे क़ानूनी रूप नहीं दिलवा पाये। महाराष्ट्र सरकार ने पहली बार इसके खिलाफ कानून बनाया और ये देश का पहला राज्य बना जिसने अन्धविश्वास और अन्य कुप्रथाओं के खिलाफ क़ानून बनाया।

बुधवार को दो संदिग्ध व्यक्तियों की पुणे और रायगढ़ के पनवेल स्थित घर पर सीबीआई ने छापेमारी की जिसके दौरान कुछ दस्तावेज, मोबाइल नंबर, ई-मेल की जांच की जानी है।

बता दे कि दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात लोगों ने दाभोलकर के घर के नजदीक सुबह 7:20 बजे के करीब गोली मारकर हत्या की थी। मामले की जांच कर रही पुणे पुलिस से ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया था।

दाभोलकर की दिनदहाड़े हुई हत्या के तीन साल बाद भी हत्यारों का कोई पता नहीं चल पाया है और अब इस मामले में वीरेंद्र तावड़े की गिरफ़्तारी के बाद कोर्ट में पेशी होगी। वीरेंद्र तावड़े हिन्दू जनजागृति समिति का एक कार्यकर्ता है।पिछले दिनों सीबीआई ने तावड़े के पनवेल स्थित आवास पर छापेमारी भी की थी।

 

 

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