उत्तर प्रदेश के लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA sell)के कारनामे अपने आप में महानता की एक ऊंचाई पर होते हैं, ताजा मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के मकान को बिना उनकी इजाजत किसी और को बेच दिया है।
पूर्व CM के दखल के बाद रद्द हुआ म्युटेशन(LDA sell):
- LDA ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री का एक आवास बिना उनकी इजाजत के किसी और को बेच दिया है।
- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यपाल एनडी तिवारी का यह मकान अलीगंज में स्थित था।
- जिसे उनके भाई रमेश चन्द्र तिवारी ने LDA की बाबुओं की मदद से किसी और को बेच दिया है।
- यह मकान ऊषा शर्मा नाम की एक महिला को बेचा गया था।
- इतना ही नहीं LDA ने ऊषा शर्मा के पक्ष में म्युटेशन भी कर दिया था।
- एनडी तिवारी के दखल के बाद म्युटेशन को रद्द किया गया।
पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी बनी खेल की वजह(LDA sell):
- LDA ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के मकान को बिना उनकी इजाजत के किसी और को बेच दिया गया।
- यह पूरा खेल पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी के जरिये किया गया था।
- LDA OSD राजेश शुक्ला के मुताबिक, प्लाट बेचने के लिए पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी का इस्तेमाल किया गया था।
- जिसके बाद एनडी तिवारी से इस मामले पर आपत्ति मांगी गयी थी।
- उन्होंने प्लाट बेचने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद म्युटेशन को रद्द कर दिया गया था।
- गौरतलब है कि, यह मकान 2016 में बेचा गया था।
रजिस्टर्ड नहीं है पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी(LDA sell):
- पूर्व CM एनडी तिवारी के पक्ष की ओर से ये कहा गया है कि, जिस पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी का इस्तेमाल प्रॉपर्टी बेचने में किया गया,
- वो रजिस्टर्ड ही नहीं है।
- जिसके चलते रजिस्ट्री और म्युटेशन के लिए इस्तेमाल की गयी पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी का कोई महत्व नही है।
- वहीँ विभागीय सूत्रों के मुताबिक, LDA पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी की जांच करा रहा है।
- जांच में यदि पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी अवैध पायी जाती है तो मामले में संलिप्त LDA कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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