यूपी में योगी सरकार बनने के बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबका साथ-सबका विकास और हर वर्ग को तरक्की की राह में साथ लेकर चलने की बात ने कही थी. लेकिन UttarPradesh.Org की पड़ताल में तो तस्वीर ही कुछ और निकली. मामला अमेठी के मुसाफिरखाना तहसील अंर्तगत खौदिया ग्रामसभा का था. जहाँ एक अल्पसंख्यक परिवार सरकारी उपेक्षा का शिकार बना रहा. UttarPradesh.Org ने जब गहराई से तफसीस की तो मिला कि इस ग्राम सभा में रहने वाले एक परिवार को न तो सरकारी इमदाद मिल रही और न ही सर छुपाने की जगह. जिसके बाद मजबूरन ये परिवार खाना बदोश जिंदगी जीने के लिए मजबूर है.
ये थे पूरा मामला-
- सियासी पटल पर सुर्खियों में रहने वाला अमेठी जनपद की खौदिया निवासनी मैसरी बानो पत्नी मो अख्तर के परिवार की हमे एक ऐसी झलक देखने को मिली.
- जहाँ 21वीं सदी में भी इस परिवार के पास सर ढकने के लिए आज भी एक छत मयस्सर नही थी.
- मैसरी बानो के पति मो अख्तर दिहाड़ी मजदूर है.
- जिनकी आय इतनी कम है कि परिवार नहीं बल्कि अपना भी पेट पलना मुमकिन नहीं है.
- ऐसे में चुनावी वादों से गरीबों का पेट भरने वाले नेता इस गरीब परिवार की ओर देखना तक गवारा नही करते.
- ऐसे में मैसरी बानो के 3 लड़के और 2 बेटियों की बेहतर परवरिश और शिक्षा की कौन पूछे.
- जबकि उन्हें पेट पलना भी मुश्किल हो रहा है.
- यहाँ तक की उनके सामने एक वक्त की रोटी तक के लाले है.
- फिर भी सरकारी विकास की आच इस गरीब परिवार तक नहीं पहुंच सकी है.
- आलम है कि मजबूर परिवार पॉलीथीन की छत के नीचे बसर कर रहा है.
UttarPradesh.Org ने की सुनहरी पहल-
- मामले की जमीनी हकीकत जानने ग्राम सभा खौदिया पहुंचा UttarPradesh.Org.
- जहाँ अमेठी से UttarPradesh.Org. के संवाददाता राम मिश्रा ने मैसरी बानो से मुलाक़ात की.
- मैसरी बानो ने बताया कि हम लोगो ने आवास की अर्जी कई बार प्रधान सहित आलाधिकारियो से लगायी थी.
- लेकिन इस अर्जी का नतीजा कुछ नही निकला.
- जिसके बाद हम अपनी किस्मत को कोस चुप बैठ गये.
- इसके बाद मैसरी बानो की आवाज को अधिकारियो तक पहुचाने के लिये हमने शीर्षक “मिट रही आवास की आस,टूट रहा,गरीबो का विश्वास,विफल रहा प्रशासनिक प्रयास” से खबर फ्लेश की.
- हमारी खबर पर अमेठी मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा दुबे ने ज्ञान में लिया.
- उन्होंने एक सूचना के माध्यम से पीड़िता मैसरी बानो को बुलाकर उन्हें आश्वत कराया .
- अपूर्वा दुबे ने कहा कि आवास योजना के अंतर्गत इसी वर्ष के लक्ष्य में आपको सम्मलित कर दिया जायेगा.
- सीडीओ अमेठी से मिलने के बाद मैसरी बानो ने हमे बताया कि सीडीओ साहिबा के आश्वाशन बाद अब हमारी उम्मीदें काफी बढ़ गयी है.
- साथ ही भावुक अंदाज में कहा UttarPradesh.Org हम गरीबो की आवाज बना.
- जिससे लिए हम धन्यवाद देते हुए सुनहरे भविष्य की काम करते है.
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