उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित BRD मेडिकल कॉलेज(BRD medical college) में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से तकरीबन 50 से भी अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है, वहीँ सरकार मामले में अब भी लीपापोती में लगी हुई है. हादसे के तुरंत बाद योगी सरकार की ओर से बयान जारी कर ये कहा   गया कि, ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से नहीं बल्कि इन्सेफ्लाइटिस की वजह से मौते हुई हैं. सरकार के इस दावे की हवा कुछ ही देर में निकल गयी जब ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से 30 से अधिक बच्चे मौत के मुंह में समा चुके हैं.

https://youtu.be/5KgGlEjb1bw

ये अस्पताल नहीं कब्रिस्तान है 

  • बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर ये कतई अस्पताल नहीं है.
  • दरअसल ये कब्रिस्तान है. जहां 60 लोगों ने दम तोड़ दिया.
  • जिसमें तकरीबन 34 बच्चे हैं.
  • ये हम नहीं कह रहे बल्कि ख़बरनवीस बता रहे हैं.
  • आंकड़ों में खेल हो रहा है.
  • स्वास्थ्य महकमा मृतकों के आंकड़े घटा रहे हैं.
  • वहीं अखबार आज खून से लथपथ ख़बर को ख़ामोशी से लोगों के बीच रख चुके हैं.
  • कहीं आंकड़ा 48 है तो कहीं पर 50 भी.

प्रिंसिपल की लापरवाही की इतनी बड़ी सजा

  • तस्वीरों में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा हैं.
  • ये जिंदगी की कीमत को नहीं जानते. न मौत के बाद पसरे मातम को ही पहचानते हैं.
  • 69 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया था.
    ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन गुरुवार से ही ठप कर दी थी.
  • लेकिन इन पर कोई फर्क नहीं पड़ा.
  • देखिए मौत तमाशा बन गई.
  • व्यवस्थाओं के गाल पर जोरदार तमाचा बन गई.

डीएम साहब क्या आप सो रहे थे ?

  • दूसरा नाम राजीव रौतेला का जो और साहब गोरखपुर के डीएम हैं.
  • लेकिन मौतों के इस भयानक आंकड़े ने दर्शा दिया है कि डीएम साहब जिले के प्रति कितना संजीदा है.
  • साहब को सीएम योगी के आने की फिक्र तो है.
  • और उनकी खातिर व्यवस्थाओं के पुख्ता होने की चिंता भी.
  • लेकिन सियासतदां तैयार करने वाली जनता की फिक्र इन मासूमों के जनाजों ने दिखा दिया है.

व्यवस्था का जनाजा निकला है

राजीव रौतेला और राजीव मिश्रा जिनकी लापरवाही ने देश भर में शोक की लहर दौड़ा दी है. व्यवस्थाओं ने सरकार को हाशिए पर ला खड़ा किया है.

इनकी कारगुजारियों की सजा मासूमों के साथ उनके परिवार और कई लोगों को
झेलनी पड़ी है.

शायद ये लापरवाही गर कोई अपना होता तो न बरती जाती जिसपर इनको अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाना चाहिए. वैसे मौतों के बाद परिजनों के आंसुओं से डर तो इनको भी लग रहा होगा. लेकिन क्या डर उन मौतों के बदले इंसाफ देने के लिए काफी होगा, समय के गर्त में कुछ सवाल हैं जो दबते नजर आ रहे हैं.

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