नोटबंदी से जुड़े आकड़ें सामने आने के बाद राजनीति में कोहराम मच गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गये आकड़े के मुताबिक नोटबंदी एक तरह का फ्लॉप शो रहा। RBI की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार और विपक्ष के बीच आर-पार की जंग तेज हो गई है। जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर रूख अख्तियार किए हुए है, वहीं सरकार भी पूरी तरह से अपना बचाव कर रही है।
यह भी पढ़ें… नोटबंदी की देशबंदी के लिए मोदी ज़िम्मेवार- सुरजेवाला
क्या हुआ नोटबंदी से नुकसान :
- नोटबंदी के बाद साल की पहली तिमाही में जीडीपी 6.1 फीसदी पर पहुंच गई।
- जो साल 2014 से सबसे कम थी, क्योंकि बाज़ार में नकदी की भारी कमी थी।
- कारोबार, काम-धंधे और कल-कारखाने की हालत खस्ता होने के साथ नौकरी गई।
यह भी पढ़ें… नोटबंदी : 18 लाख लोग, 1.75 लाख खातों की हो रही जांच!
विपक्ष ने सरकार पर किया वार :
- आरबीआई का आंकड़ा सामने आने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर निशाना साधा।
- कहा नोटबंदी से रिज़र्व बैंक को 16 हज़ार करोड़ रुपये मिले, लेकिन नए नोट छापने में 21 हज़ार करोड़ रुपये लग गए।
- सरकार के अर्थशास्त्रियों को तो नोबल अवॉर्ड मिलना चाहिए।
RBI 'gained' Rs 16000 crore, but 'lost' Rs 21000 crore in printing new notes! The economists deserve Nobel Prize.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 30, 2017
यह भी पढ़ें… नोटबंदी के नाम पर गरीबों को लूटा गया : जयंत चौधरी
राहुल गांधी ने सरकार पर किया हमला :
- आंकड़ा सामने आने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि नोटबंदी के कारण कई लोगों की जान जाने के साथ आर्थिक नुकसान हुआ।
- मोदा सरकार को घेरते हुए कहा कि ऐसे में क्या प्रधानमंत्री अब इसकी जिम्मेदारी लेंगे।
A colossal failure which cost innocent lives and ruined the economy. Will the PM own up? #DemonetisationDisaster https://t.co/YXNdW8xBTL
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2017
यह भी पढ़ें… नोटबंदी के बाद फंड के लिए जूझ रहे माओवादी-अलगाववादी: अरुण जेटली
वित्त मंत्री ने किया बचाव :
- आरबीआई के आंकड़े सामने आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार का बचाव करने के लिए तुरंत मीडिया के सामने आये।
- सरकार का कहना है कि नोटबंदी के फेल हो जाने की बात करने वाले और उसकी आलोचना करने वाले कंफ्यूज़ हैं।
- ऐसे लोग नोटबंदी के पूरे उद्देश्य को समझ नहीं पा रहे हैं।
यह भी पढ़ें… नोटबंदी की तरह बिना तैयारी के लागू किया जा रहा जीएसटी: राहुल गांधी
आरबीआई की रिपोर्ट :
- वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जारी रिपोर्ट में इस वक्त 2000 रुपये के 3285 दस लाख नोट मुद्रा चलन में हैं।
- 2000 रुपये की कुल वैल्यू 6571 अरब रुपये है।
- इस समय देश में 500 के 5882 दस लाख नोट मुद्रा चलन में हैं, जिनकी वैल्यू 2941 अरब है।
नोटबंदी से अब तक :
- 8 नवंबर 2016 को हुए नोटबंदी से पहले 500 और 1000 रुपये के 44 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे।
- 15.28 लाख करोड़ के नोट वापस आए, अर्थात 99 फीसदी पुराने नोट वापस आ गये।
- 28 लाख 500 और 1000 नोट वापस आ गये।
- इसका मतलब ये हुआ कि मात्र 16000 करोड़ रुपये नही आये।
- 2016-17 में नये नोटों की छपाई में 7965 करोड़ रुपये खर्च हुए, जो साल 2015-16 के मुकाबले दोगुने थे।
- 2016-17 में जाली नोटों की संख्या 6,32,926 से बढ़कर 7,62,072 हो गई, अर्थात 41 करोड़ रुपये जाली नोट बढ़े।
यह भी पढ़ें… कैबिनेट में सबसे बड़े फेरबदल करने की तैयारी में पीएम मोदी!
ये थे सरकार के दावे :
- 8 नवंबर 2016 को पीएम ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए राष्ट्र को संबोधित किया था।
- जिसमें उन्होंने कहा था कि इससे कालाधन, भष्ट्राचार, जाली नोट और आतंकवाद पर अंकुश लगेगा।
- दिसंबर 2016 में अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नोटबंदी के कारण 10 से 11 लाख करोड़ रुपये ही वापस आएंगे।
- अर्थात 5 लाख करोड़ तक नोटों (कालेधन) की वापसी बैंकिंग सिस्टम में नहीं हो पाएगी।
- 15 अगस्त 2017 को काले धन पर पेम मोदी लाल किले के प्राचीर कहा कि नोटबंदी से 3 लाख करोड़ रुपये का कालाधन बंकों में आया।
- करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये की धनराशि जांच के घेरे में है।
- पीएम मोदी ने इस आंकड़े का कोई सोर्स नहीं बताया है।
यह भी पढ़ें… तमिलनाडु में ‘ब्लू व्हेल’ ने लील ली विग्नेश की ज़िन्दगी