डोकलाम विवाद पर गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन तैयार है। दोनों देश अपनी-अपनी सेना को सीमा से हटाने के लिए सहमति जताई है। यह बात विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कही गई।
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भारत और चीन का बड़ा फैसला-
- लंबे समय से चल रहे डोकलाम विवाद को शांति से सुलझाने पर भारत और चीन की सहमति बनी है।
- इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर के माध्यम से दी।
- उन्होंने बताया कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन ने डोकलाम पर डिप्लोमैटिक बातचीत हुई है।
- दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बैठक में यह फैसला हुआ कि भारत और चीन दोनों ही देश डोकलाम से सेना हटायेंगे।
- विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा, ‘हम अपने विचारों को व्यक्त करने एवं अपनी चिंताओं और हितों को साझा करने में सक्षम हो सके।’
- बयान के मुताबिक, ‘इस आधार पर डोकलाम पर सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है, जो जारी है।’
- चीन में सितंबर में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के बीच सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं।
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क्या है डोकलाम विवाद का कारण-
- चीन ने जब भूटान के पास एक पहाड़ी इलाके में सड़क बनानी शुरू की, तभी से विवाद शुरू हुआ।
- इस पहाड़ी इलाके को चीन डोंगलांग, भूटान डोकला और भारत डोकलाम कहता है।
- भारत, भूटान और चीन के बीच इस इलाके में चीन सड़कों का जाल बिछाना चाहता है।
- चीन सड़क बनाकर कोई विकास नहीं बल्कि युद्ध के हालातों में अपने ठिकाने बना रहा है।
- भूटान ने भारत से चीनी सड़क की शिकायत की तो भारत ने कड़ा एतराज जताया।
- जिसके बाद चीन ने आरोप लगा दिया कि भारतीय सैनिकों ने घुसैपठ की है।
- अब चीन धमकी दे रहा है कि अगर सैनिक वापस नहीं बुलाए तो हालात युद्ध के करीब जाएंगे।
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