डोकलाम विवाद पर गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन तैयार है। दोनों देश अपनी-अपनी सेना को सीमा से हटाने के लिए सहमति जताई है. यह बात विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कही गई. वहीँ चीन की तरफ से कहा गया है कि भारत के अपनी सीमा में वापस जाने की ख़बर सही है. लेकिन चीन ने पेट्रोलिंग करने की बात भी कही है.
भारत की रणनीति से बौखलाया चीन:
- भारत ने लगातार चीन के डोकलाम को लेकर दिए जा रहे बयान ऐतराज जताया था.
- डोकलाम दोनों देशों के बीच जंग की वजह बनता जा रहा था.
- वहीँ डोकलाम पर भारत के रवैये को जापान जैसे देश का समर्थन भी मिला था.
- चीन को इससे बहुत बड़ा झटका लगा था.
- डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया था.
दोनों देशों की सेनायें हटेंगी पीछे:
- डोकलाम विवाद को शांति से सुलझाने पर भारत और चीन की सहमति बनी है.
- इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्विटर के माध्यम से दी.
- उन्होंने बताया कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन ने डोकलाम पर डिप्लोमैटिक बातचीत हुई है.
- हम अपने विचारों को व्यक्त करने एवं अपनी चिंताओं और हितों को साझा करने में सक्षम हो सके.
- इस आधार पर डोकलाम पर सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है, जो जारी है.
- चीन में सितंबर में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों के बीच सेनाओं को हटाने पर सहमति बनी है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले सकते हैं.
चीन करेगा पेट्रोलिंग
- भारत ने चीन की धमकी की परवाह न करते हुए अपनी रणनीति पर काम किया.
- रणनीति स्पष्ट थी कि चीन डोकलाम से अपनी सेना को पीछे हटाए तब सुलह होगी.
- चीन पहले किसी भी हालत में डोकलाम से पीछे हटने को तैयार नहीं था.
- भारत के सेना हटाने की बात चीन ने स्वीकार तो की लेकिन खुद की पेट्रोलिंग की बात भी की है.
- फिलहाल दोनों देशों के बीच तनाव थोड़ा कम होता दिखाई दे रहा है.