डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) को सीबीआई कोर्ट ने यौन शोषण का दोषी पाया था. आज इस केस में सजा तय हो गई. हेलीकॉप्टर से सीबीआई जज रोहतक पहुँच चुके थे. सोनारिया जेल में बंद राम रहीम की किस्मत का फैसला (Ram Rahim sentenced) हो गया. जेल में आज पूरी कार्यवाही संपन्न हुई.
10 साल की सजा और 65 हजार का जुर्माना:
- साध्वी से यौन शोषण के मामले में सीबीआई द्वारा गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया गया था.
- सोमवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीपसिंह ने सुनारिया जेल की अस्थाई अदालत में सजा सुनाई.
- जज ने सुनवाई करते हुए उन्हें दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.
- न्यायाधीश ने आरोपी के अधिवक्ताओं की दलील को खारिज कर दिया.
- सीबीआई के अधिवक्ताओं द्वारा मांगी गई अधिकतम सजा की मांग को मानते हुए उन्हें सजा सुनाई हैं.
जेल में सुनाई गई सजा:
- दोपहर 2:10 मिनट पर विशेष न्यायाधीश हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुनारिया जेल पहुंचे.
- इसके बाद उन्होंने जेल में बनाई गई अस्थाई अदालत की व्यवस्थाएं देखी.
- दोपहर ढाई बजे न्यायाधीश जगदीपसिंह ने सुनवाई शुरू कर दी.
- न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए दस-दस मिनट का समय दिया गया था.
रहम की भीख मांगी पर कोर्ट ने नहीं सुनी कोई बात:
सीबीआई के अधिवक्ताओं ने दोनों साध्वी के साथ किए गए यौन शोषण के मामले की गम्भीरता को बताते हुए अधिकतम सजा देने की मांग की.
इसके बाद गुरमीत के अधिवक्ताओं ने एक. के. नरवाना के नेतृत्व में गुरमीत की ओर से किए गए सामाजिक सरोकार के काम तथा उनके परिवार को देखते हुए कम से कम सजा दिए जाने की मांग की.
- इसके अलावा अधिवक्ताओं ने गुरमीत की जेल बदलने की भी मांग की थी.
- बचाव पक्ष ने ये भी कहा कि राम रहीम ने रक्त दान और अन्य सामाजिक कार्य किये हैं.
- जज ने बचाव पक्ष की दलीलों को दरकिनार कर दिया.
- इसके बाद न्यायाधीश मामले की गम्भीरता को देखते हुए उन्हें दस साल के कठोर कारवास की सजा सुना दी.
- खास बात यह रही कि सुनवाई के दौरान गुरमीत न्यायाधीश के सामने हाथ जोडक़र खड़े रहे.
कैदी नंबर 1997:
- राम रहीम रो-रोकर जज के सामने रहम की भीख मांग रहे थे.
- बार-बार रोते हुए न्यायाधीश से सामाजिक सरोकार की दुहाई देते हुए माफ करने की गुहार लगाई.
- साध्वी से दुष्कर्म के मामले में सीबीआई की अदालत ने गत 25 अगस्त को पंचकुला में दोषी करार दिया था.
- उसके बाद डेरा के समर्थकों ने उप्रदव करते हुए वाहनों, ट्रेन, सरकारी भवन व कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया था.
- उस हिंसा में कुल 38 लोगों की मौत हो गई थी तथा 250 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
- इसके बाद पुलिस व सेना ने बमुश्किल हालात पर काबू पाए थे.
- जबकि सेना ने डेरा और कई आश्रमों को सील कर दिया था.
15 साल बाद साध्वी को मिला न्याय:
- इसको देखते हुए हरियाणा सरकार व पुलिस ने सोमवार को सजा पर होने वाली सुनवाई के लिए रोहतक की सुनारिया जेल में ही अस्थाई जेल बनाने का निर्णय किया था.
- दुष्कर्म का यह मामला साध्वी द्वारा वर्ष 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम भेजी गई गुमनाम चिट्ठी के बाद हुआ था.
- सीबीआई कोर्ट ने इसमें आरोपी गुरमीत को 15 साल बाद सजा सुनाई है.