केंद्र की मोदी सरकार कैबिनेट विस्तार के साथ ही खाली पड़े छह राज्यों तथा एक केंद्र शासित प्रदेश में राज्यपाल की तैनाती करने का मन बना चुकी है। लंबे समय से इन राज्यों में खाली पड़े राजयपाल के पदों को बीजेपी के बुजुर्ग नेताओं से भरने की तैयारी है।
मार्गदर्शक मंडल के सदस्यों में इजाफा संभव:
बताया जाता है कि सात राज्यों में से दो राज्यों का कोटा यूपी के पुराने नेताओं के लिए रिजर्व रखा गया है। जिसके चलते अन्य प्रदेशों से भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का बुढ़ापा राजभवन में कट सकता है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार ने सातों राज्यपाल के नाम की सूची तैयार कर ली गयी है, बस इसकी घोषणा होनी बाकी है। इनमें उत्तर प्रदेश के कोटे से पुराने नेता लालजी टंडन के साथ कलराज मिश्र को भी राजभवन भेजने की तैयारी है। कलराज मिश्र फिलहाल कैबिनेट मंत्री हैं.
दिल्ली से विजय कुमार मल्होत्रा का भी नाम शामिल
सूत्रों के मुताबिक यूपी के इन दो नेताओं के अलावा दिल्ली से विजय कुमार मल्होत्रा, मध्य प्रदेश से कैलाश जोशी, बिहार से सीपी ठाकुर, गुजरात से आनंदीबेन पटेल का नाम शामिल है। बिहार में सहयोगी पार्टी हम के नेता जीतन राम मांझी को भी राज्यपाल बनाए जाने की खबर है। भविष्य की राजनीतिक संभावनाओं को समाप्त मानते हुए जीतन राम खुद राज्यपाल बनने के इच्छुक हैं। फिलहाल बिहार, मध्य प्रदेश, तमिलनाडू, तेलंगाना, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश के साथ दादर नगर हवेली के एलजी का पद खाली है। इन सभी राज्यों को दूसरे प्रदेश के गर्वनर अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में संभाल रहे हैं। केंद्र पर जल्द राज्यपाल नियुक्त करने का दबाव है। रामनाथ कोविंद के प्रेसीडेंट बन जाने के बाद बिहार में राज्यपाल का पद खाली है, जिसे पश्चिम बंगाल के गर्वनर केसरीनाथ त्रिपाठी संभाल रहे हैं।
गुजरात के पास मध्य प्रदेश का भी चार्ज
- इसी प्रकार गुजरात के राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली के पास मध्य प्रदेश का अतिरिक्त दायित्व है।
- आंध्र प्रदेश के राज्यपाल इएसएल नरसिम्हन के पास तेलंगाना के राज्यपाल का अतिरिक्त जिम्मेदारी है।
- महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के पास तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार है।
- असम के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित मेघालय का अतरिक्त चार्ज संभाल रहे हैं।
नागालैंड के राज्यपाल के पास अरुणाचल कि भी जिम्मेदारी
- नागालैंड के राज्यपाल पद्मनाभा आचार्य के पास अरुणाचल प्रदेश की भी जिम्मेदारी है।
- इसके अलावा दमनदीव के लेफ्टिनेंट गवर्नर प्रफुल्ल खोदा पटेल के पास दादर व नगर हवेली के लेफ्टिनेंट गवर्नर का अतिरिक्त जिम्मेदारी है।
- भाजपा ने आधा दर्जन राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेश में अपने नेताओं को बैठाने की तैयारी पूरी कर ली है।
शाह के इंटरव्यू और मोदी की मीटिंग के बाद लिस्ट हुई लगभग तय:
2019 में होने वाले चुनाव में अब बहुत ज्यादा वक्त बाकी नहीं रह गया। ऐसे में पीएम मोदी ऐसे मंत्रियों की छुट्टी कर सकते हैं जो उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं या जो लगातार निष्क्रिय बने हुए हैं।
2 सितम्बर को फेरबदल संभव:
- इस हफ्ते के अंत में मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो सकता है।
- बताया जा रहा है कि पीएम मोदी अपने चीन दौरे से पहले ही कैबिनेट का विस्तार करना चाहते हैं।
- इसको लेकर अमित शाह के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी है।
- पीएम मोदी इस बार अबतक का सबसे बड़ा कैबिनेट फेरबदल करने जा रहे हैं।
- माना जा रहा है कि इस बार के फेरबदल में कई मंत्रियों को पर कतके जाएंगे।
- वहीं कई नए चेहरे भी इस बार शपथ लेते हुए नजर आ सकते हैं।
- जाहिर सी बात है कि हर बार की तरह इस बार भी पीएम मोदी का पैमाना बेहतर काम ही होगा।
- क्योंकि 2019 में होने वाले चुनाव में अब बहुत ज्यादा वक्त बाकी नहीं रह गया।
- पीएम मोदी ऐसे मंत्रियों की छुट्टी कर सकते हैं जो उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं।
कोर कैबिनेट रहेगी स्थाई:
- गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुष्मा स्वाराज के मंत्रालयों में कोई बदलाव होने के आसार नहीं है।
- इसके पीछे की एक इन तीनों सीनीयर मंत्री की परफार्मेंस है।
- बताया जा रहा है कि इन तीनों मंत्रालय के कामकाज से पीएम मोदी काफी खुश हैं।
- तीनों ही मंत्री पीएम मोदी के डिमांड के हिसाब से परफार्म कर रहे हैं।
- इसलिए पीएम मोदी इन तीन शिर्ष मंत्रालयों में कोई बदलाव नहीं करेंगे।
देश को मिल सकता है पूर्णकालिक रक्षा मंत्री
- विनय सहस्त्रबुद्धे को बनाया जा सकता है रक्षा मंत्री.
- मनोहर पार्रिकर की गोवा का सीएम बनने के बाद से खाली पड़े रक्षा मंत्री के पद को भरने के लिए पीएम मोदी को नया स्ट्राइकर शायद मिल गया है।
- राज्यसभा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे को रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है।
- विनय सहस्त्रबुद्धे आरएसएस बैकग्राउंड से आते हैं और ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं।
- वो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ-साथ पीएम मोदी के भी काफी करीब हैं।
सुरेश प्रभु की छुट्टी पर भी लग सकती है मुहर:
- पिछले एक सप्ताह में हुए दो रेल हादसों के बाद सुरेश प्रभु ने खुद ही अपना इस्तीफा पीएम को सौंप दिया था.
- हालांकि पीएम मोदी ने उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया है.
- लेकिन बताया जा रहा है कि उनकी छुट्टी होनी तय है.
- उनकी जगह पर पीएम मोदी ने रेलवे जैसा भारी भरकम मंत्रालय नितिन गड़करी को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है.
- भारी भरकम मंत्रालय चलाने का गडकरी के पास अनुभव भी है।
उपेंद्र कुशवाहा की होगी छुट्टी लगभग तय:
बताया जा रहा है कि बिहार की पार्टी आरएलएसपी के मुखिया और मौजूदा मानव संसाधन राज्य मंत्री की छुट्टी होनी तय है। इसके पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं। एक तो उनका निष्क्रिय होना और दूसरा बिहार में नीतीश कुमार से हाथ मिलाने के बाद उनकी पार्टी की जरूरत कम हो जाना। उनकी जगह पर जेडीयू के सांसद संतोष कुशवाहा को मंत्री बनाया जा सकता है।
राजिव प्रताप रूडी हो सकते हैं बाहर:
राजीव प्रताप रूडी जिन्हें पीएम मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट कौशल विकास और उद्यमशीलता का विभाग दिया था। सूत्रों के मुताबिक, लेकिन अपने कार्यकाल के दौरान रूडी पुरी तरह से निष्क्रिय रहें और अब पीएम मोदी ने उन्हें हटाने का मन बना लिया है।
कलराज मिश्रा को बिहार का राज्यपाल बनाया जा सकता है.
यूपी के कद्दावर कलराज मिश्रा का नाम भी इस लिस्ट में है। बताया जा रहा है कि कलराज मिश्रा के काम से भी पीएम मोदी कुछ ज्यादा खुश नहीं है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि वो बिहार के राज्पाल बनें या ना बनें पीएम उन्हें कैबिनेट में जगह मिलनी मुश्किल है.
उमा भारती का नाम भी लिस्ट में शामिल
बताया जा रहा है कि इस लिस्ट में उमा भारती का नाम है। पीएम मोदी ने गंगा सफाई की जिम्मेदारी उनके जिम्मे दी थी जिसपर बहुत ज्यादा अच्छा काम नहीं हुआ है। पीएम मोदी को डर है कि विपक्ष 2019 में गंगा सफाई को मुद्दा बना सकता है। इसलिए उनकी जगह पर किसी और को गंगा के सफाई की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
प्रवेश वर्मा को बनाया जा सकता है मंत्री:
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा और दक्षिणी दिल्ली के सांसद प्रवेश सिंह वर्मा को एमओएस बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो जाट वोट बैंक को नजर में रखते हुए मोदी और शाह की जोड़ी ने उन्हें अपनी लिस्ट में रखा है।
स्मृति ईरानी का बढ़ सकता है रुतबा:
कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के बारे में खबर है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय में उनके काम से पीएम मोदी संतुष्ट हैं। जबसे उन्हें इसकी जिम्मेदारी मिली है तबसे वो लगातार फाइलें निपटा रही हैं। माना जा रहा है कि इस बार के फेरबदल में उन्हें फुलटाइम सूचना प्रसारण मंत्री बनाया जा सकता है। यूपी के दलित सांसद कौशल किशोर को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
विजय गोयल पर है शाह की नजर
खेल मंत्री विजय गोयल पर अमित शाह की टेढ़ी नजर है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी और गोयल के बीच चल रहे विवाद को लेकर शाह ने गोयल को फटकार भी लगाई थी। विजय गोयल को मंत्री बनाने के पीछे की वजह दिल्ली में केजरीवाल को काउंटर करना था, लेकिन केजरिवाल का पतन स्वतह ही होने लगा है। इसलिए पीएम मोदी विजय गोयल को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं।
मनोज सिन्हा से लिया जा सकता है टैलिकॉम मिनिस्ट्री
आपको बता दें कि मनोज सिन्हा के पास टेलिकॉम मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज है और ऐसा मुमकिन है कि इस बार के कैबिनेट फेरबदल में उनसे ये चार्ज वापस लिया जा सकता है।
ओम माथुर और सुरेश अंगड़ी भी बन सकते हैं मंत्री
यूपी बीजेपी के प्रभारी और सांसद ओम माथुर के साथ-साथ सांसद सुरेश अंगड़ी को भी इस बार के कैबिनेट फेरबदल में मंत्री पद मिल सकता है।