बिहार के बहुचर्चित सीवान तेजाब कांड में पटना हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मोहम्मद शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सज़ा को बरकरार रखा है। मोहम्मद शहाबुद्दीन को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पटना हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला-
- बिहार के तेज़ाब कांड में पटना हाईकोर्ट ने मोहम्मद शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सज़ा को बरकरार रखा है।
- हाईकोर्ट ने 30 जून 2017 को शहाबुद्दीन की सजा पर फैसला सुरक्षित कर लिया था।
- निचली अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को दोषी करार दिया गया था।
- साथ ही इस मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
क्या है तेजाब कांड-
- 16 अगस्त 2004 सीवान के कारोबारी चंद्रकेश्वर सिंह के लिए एक मनहूस दिन था।
- कारोबारी चंद्रकेश्वर सिंह के बेटे गिरीश और सतीश अपनी-अपनी दूकान पर बैठे थे।
- तभी शहाबुद्दीन के लोग रंगदारी के लिए पहुंचे।
- दो लाख की रंगदारी देने से माना करने पर मोहम्मद शहाबुद्दीन के लोगों ने गिरीश और सतीश से मार-पीट की।
- मार-पीट करने के बाद दोनों को उठा कर ले गए।
- परिवार के मुताबिक़ शहाबुद्दीन ने गिरीश और सतीश को तेज़ाब से नहलाया।
- और उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया।
पिता की मांग, आरोपी को मिले फांसी-
- कारोबारी चंद्रकेश्वर सिंह की मांग है कि शहाबुद्दीन को फंसी की सजा मिले।
- इन समय मोहम्मद शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में कैद है।
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