मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी के डूब प्रभावितों के पुनर्वास की लड़ाई लड़ रहीं ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की कार्यकर्ता मेधा पाटकर की अगुवाई में ‘नर्मदा न्याय यात्रा’ निकाली जा रही है। इस यात्रा का बुधवार को दूसरा दिन है।
16 दिन तक जेल में रहीं मेधा पाटकर-
- मालूम हो कि सरदार सरोवर बांध की उंचाई बढ़ाए जाने से 40 हजार परिवारों के डूब में आने का खतरा है।
- इन परिवारों के बेहतर पुनर्वास की मांग को लेकर आंदोलन जारी है।
- पूर्व में मेधा ने बेमियादी उपवास किया।
- उस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर 16 दिन तक जेल में रखा गया।
- जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मंगलवार से ‘नर्मदा न्याय यात्रा’ शुरू की।
राज्य सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों’-
- ‘नर्मदा न्याय यात्रा’ के दूसरे दिन बड़वानी के राजघाट से शुरू हुई।
- इस यात्रा के जरिए लोगों को राज्य सरकार की ‘जनविरोधी नीतियों’ के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
- साथ ही अहिंसक आंदोलनकारियों को किस तरह जेल में डाला गया और दमनात्मक कार्रवाई की गई है, इसका भी मेधा पाटकर जिक्र कर रही हैं।
- नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘नर्मदा न्याय यात्रा’ बडवानी की धान मंडी से मंगलवार को शुरू होकर बड़वानी जेल पहुंची और निर्दोषों को रिहा करने की मांग की।
- आंदोलनकारी हाथ में न्याय का प्रतीक तराजू और मुंह पर काली पट्टी बांधे हुए थे।
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‘हम अमन चाहते हैं’-
- मेधा पाटकर ने कहा कि आंदोलन कर रही अहिंसक शक्ति को शासन दमन करके दबाना चाहती है,
- उन्होंने कहा हम केवल अमन चाहते हैं।
- आगे कहा, इस आंदोलन में शामिल लोगों को जेल में डाल दिया गया।
- मेधा पाटकर ने कहा कि, ‘उन पर हत्या के प्रयास, अपहरण जैसे मामले दर्ज किए गए, सरकार का यह रवैया चिंताजनक है।
- उन्होंने आगे कहा कि प्रभावितों को टीन शेड में बसाया जा रहा है, यह वादे के खिलाफ है।
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