निर्माता शमिता बहल की फ़िल्म ‘पुड़िया’ के ज़रिए विवाहेत्तर संबंधों को लेकर एक पत्नी की दुविधा को रोमांचक ढंग से पेश किया है. इस फ़िल्म को रतीश शेखर ने निर्देशित किया है और यह फ़िल्म अब यू ट्यूब चैनल द शॉर्ट कट्स पर स्ट्रीम कर रही है. इस फ़िल्म में शमिता बहल, रूजुता पाटिल और अजय जैन ने अहम भूमिकाएं निभाईं हैं. उल्लेखनीय है कि ‘पुड़िया’ को आधिकारिक तौर पर शॉर्टेट के लिए नामित किया गया है और इसे 8वें इंडियन सिने फ़िल्म फ़ेस्टिवल के लिए भी आधिकरिक तौर पर चुन लिया गया है.
इस फ़िल्म के आइडिया के बारे में बात करते हुए फ़िल्म की निर्माता शमिता बहल कहती हैं, “यह मुख्यत: फ़िल्म के निर्देशक रतीश का आइडिया था. उन्होंने इस आइडिया के बारे में मुझसे चर्चा की, जो मुझे बेहद पसंद आया. विवाहेत्तर संबंधों को लेकर कई तरह की पुरानी धारणाएं टूटी हैं, हमने इसे अपने आसपास होते हुए देखा है, कभी दोस्तों के साथ तो कभी अपने रिश्तेदारों के साथ. ऐसे में मैंने फ़िल्म लिखने के लिए हामी भर दी और इस फ़िल्म में बृंदा नाम के मुख्य किरदार से मुझे जैसे मोहब्बत हो गयी.
इस फ़िल्म को बनाने की अपनी चुनौतोयों के बारे में वो कहती हैं, “जब मैं महज़ एक्टिंग कर रही होती हूं तो मैं सिर्फ़ अपने परफॊर्मेंस पर फ़ोकस करती हूं. लेकिन एक निर्माता के तौर पर मुझे अपनी पूरी यूनिट का ख़्याल रखना पड़ता है जिसमें सेट्स, क्रू, खान-पान आदि सभी कुछ शामिल है. यह ठीक किसी कंपनी के सीईओ की तरह काम करने जैसा होता है. एक्टिंग के दौरान मेरे लिए फ़ोकस करना थोड़ा मुश्क़िल काम था मगर शॉट देते वक्त मुझे अपनी ऊर्जा को केंद्रित कर एक निर्माता होने की अपनी भूमिका को भूलना पड़ता था. मेरा यह अनुभव मुझे बहुत कुछ सीखा गया है. इससे मुझे यह भी पता चला कि मैं मल्टी-टास्किंग भी अच्छी तरह से कर सकती हूं.”
शमिता कहती हैं, “पुड़िया महज़ विवाहेत्तर संबंधों पर बनी फ़िल्म नहीं है. यह फ़िल्म एक महिला द्वारा अपने परिवार को बचाये रखने के उसके जज़्बे को समर्पित है. यूं तो पति अथवा पत्नी का एक-दूसरे से रिश्ता ख़त्म कर लेना बड़ी ही आसान बात है, मगर यह फ़िल्म इस बात को भी रेखांकित करती है कैसे बच्चे ज़िंदगी भर के लिए अपने माता अथवा पिता से अलग ना हो जायें. न तो लड़की परफ़ेक्ट थी और ना ही लड़का परेफ़ेक्ट था. दोनों ने अपनी-अपनी च्वाइस से शादी की लेकिन शादी के बाद परिवार की ख़ातिर रिश्ते को निभाना बेहद अहम होता है.”
‘पुड़िया’ में बृंदा क लीड रोल निभानेवाली और फ़िल्म की निर्माता शमिता कहती हैं, “मेरे लिए सबसे अहम बात यह थी कि मैं सबसे पहले शमिता की तरह सोचना बंद करूं. चूंकि मैं इस किरदार को लिख भी रही थी तो मैंने सिर्फ़ इस बात पर फ़ोकस नहीं किया कि वो क्या कुछ करती है बल्कि इस बात पर भी ग़ौर किया कि वो जो कुछ करती है, वो क्यों करती है. मेरे मन में सवाल थे कि एक औरत के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी क्या होता है? उसके बच्चे, उनका भविष्य और उनकी ख़ुशियां. और ऐसे ढेरों महिलाओं हैं जो पति के बीमार पड़ने पर उनकी सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं. वो सबकुछ छोड़कर भाग नहीं जाती हैं. मैं विवाहेत्तर संबंधों को भी एक किस्म का मर्ज़ ही मानती हूं.”
कारा स्टूडियोज़ के संस्थापक करण मुरारका कहते हैं, “कारा स्टूडियोज़ और द शॉर्ट कट्स के माध्यम से हमने हमेशा से ऐसे कंटेट के निर्माण की कोशिश की है जिसमें कोई न कोई संदेश छिपा हो. जब मैंने ‘पुड़िया’ देखी तो मुझे लगाने की विवाहेत्तर संबंधों और तलाक के ज़माने में इस कहानी को लोगों के सामने पेश किया जाना जरूरी है. फ़िल्म के ज़रिए यह कहने की कोशिश की गयी है कि हमें आख़िरी वक्त तक शादी को लेकर हार नहीं माननी चाहिए. 1 मिलियन सब्क्राइबर्स होने के अपने अनूठे सफ़र में हमने इस तरह का कंटेट नहीं देखा था. यही वजह है कि हमने फ़ौरन लिखा और कहा कि हम इस फ़िल्म के साथ साझेदारी करते हुए इसे प्रस्तुत करना चाहते हैं. इस फ़िल्म में क्या कुछ होता है, वो औरत अपनी शादी को बचाने में कैसे कामयाब होती है, यह जाने के लिए आपको द शॉर्ट कट्स पर जाना होगा.
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