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अपनी फिल्मों के जरीये पूरे समाज को प्रेरणा देने की वजह से न केवल हिन्दुस्तान में बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर अभिनेता आमिर खान ने आज अपनी जिन्दगी के 51 बसन्त पूरे कर लिए।
- आमिर खान हिन्दी सिनेजगत की वो हस्ती है जो यू तो साल में केवल एक फिल्म करते है लेकिन वह जिस फिल्म में भी अभिनय करते हैं उसको बेहद खास बना देते हैं इसलिए उनकी हर फिल्म को दर्शको का बेहद प्यार मिलता है।
- उनकी हर फिल्म दर्शको को सोचने और विचार करने के लिए मजबूर करती है।
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आमिर खान की खासियत यह है कि वह जो भी करते हैं उसको पूरी गम्भीरता के साथ करते हैं इसलिए उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट भी कहा जाता है।
- आमिर ने अपनी करियर के शुरूआती दौर में अपनी चाकॅलेटी छवि से लाखों लड़कियों के दिलो पर राज किया।
- उनकी पहली बड़ी हिट ‘कयामत से कयामत’ तक थी जिसने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया था।
- इसके बाद 1996 में आई ‘राजा हिन्दुस्तानी’ ने उन्हें हिन्दी सिनेमा जगत में स्थापित कर दिया ।
- आमिर खान ने हर किस्म की फिल्मों में अभिनय किया।
- कभी ‘लगान’ के जरीये उन्होने अग्रेजो के जमाने में किसानों पर होने वाले अत्याचारों को दिखाने की कोशिश की तो कभी ‘रंग दे बसंती’ के जरीये अपने दर्शको के दिल में क्रान्ति की लहर पैदा की।
- अभिनय के अलावा निर्देशन के क्षेत्र में भी आमिर खान ने हाथ आजमाया है।
- उनके निर्दशन में बनी लगान,जाने तू या जाने ना, पीपली लाइव, धोबी घाट, डेल्ही बैली और तलाश जैसी फिल्मों ने हिन्दी सिनेजगत में अच्छा कारोबार किया।
- बड़े परदे के अलावा छोट परदे पर भी आमिर खान ने अपने कार्यक्रम ‘सत्यमेव जयते’ के जरीये सामाजिक मुद्दो को उठाया। इस प्रोग्राम के जरीये उन्होंने उन मुद्दो पर समाज को जागरूक किया जो हर इन्सान को छूकर गुजरते है।
- आमिर को 2003 में पद्मश्री और 2010 में पद्मभूषण से नवाजा गया।
- उन्हें भारतीय सिनेमा और मनोरंजन उद्योग में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा जा चुका है।
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