अनुराग कश्यप की आने वाली फिल्म उड़ता पंंजाब रिलीज होने से पहले ही चर्चाओं में बनी हुई है। इस फिल्म को लेकर रोजाना कोई ना कोई विवाद सामने आ रहा है। इन विवादों की मुख्य वजह ये बताई जा रही है कि इस फिल्म में तमाम ऐसे सीन और डॉयलाग है जो असमाजिक है।
फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अनुसार ‘सीबीएफसी’ के अनुसार इस फिल्म में पंंजाब में रहने वाले वाले लोगो को इस तरीके से पेश किया गया है जिसकी वजह से फिल्म देखने वालो तक ये मैसेेज जायेगा कि पंंजाब में रहने लोग बेहद नशेड़ी किस्म के होते हैंं। फिल्म के कुुछ सीन और डॉयलाग्स पर सेंसरबोर्ड ने जमकर कैंंची चला दी है जिसकी वजह से फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप और सेंसरबोर्ड के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
इस फिल्म की वजह से उठे विवादों को लेकर राजनीति के लोग भी बेहद सक्रिय हो गये हैंं। कोई इस फिल्म के पक्ष में बयानबाजी कर रहा है तो कोई इस फिल्म का विरोध करता हुआ नजर आ रहा है। फिल्म के बहाने तमाम राजनैतिक दल एक दूसरे पर हमले करते हुए दिखाई दे रहे हैंं।
फिल्म को लेकर हुई इस राजनैतिक अखाड़ेबाजी के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सीएनएन टीवी 18 के इंंडियन आॅॅफ ईयर आवार्ड में सेंसरबोर्ड की कार्यप्रणाली को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि वो इस सम्बन्ध में ज्यादा कुछ नही जानते क्योकि उन्होंने अभी फिल्म नही देखी है।
लेकिन फिर भी उन्हे लगता है कि इस फिल्म को लेकर सेंंसरबोर्ड कोई अति नही कर रहा है। उन्होंने अपनी बात रखते हुए ये भी कहा कि वो वर्तमान फिल्म प्रमाणन प्रणाली से संतुष्ट नहीं हैंं और आने वाले भविष्य में इस प्रणाली में कुुछ अहम बदलाव किये जा सकते हैंं।
अरूण जेटली ने कहा सेंसरबोर्ड का काम ही फिल्मों को प्रमाणित करना है लेकिन फिर भी अगर किसी को लगता है कि इसका रूढिवादी दृष्टिकोण हो गया है तो वाेे इसके खिलाफ कोर्ट में अपील कर सकता है। कोर्ट में जाकर अपील करने से सबकुछ साफ हो सकता है।