‘मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू’, ‘मेरे सामने वाली खिड़की में’, ‘मेरे महबूब कयामत होगी’ आदि जैसे कई लोकप्रिय गीतों के गायक किशोर कुमार बॉलीवुड की ऐसी अमानत हैं, जिनकी कमी को कभी भी पूरी नही किया जा सकता। किशोर के गानों ने किसका दिल नहीं चुराया ? उन्होंने अपनी गायकी के जादू से लाखों दिलों पर राज किया जो आज भी लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है।
किशोर दा का जीवन
- मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 4 अगस्त, 1929 को जन्मे किशोर के बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था।
- उनके पिता कुंजालाल गांगुली, खंडवा के बहुत बड़े वकील थे और माता गौरी देवी थी।
- मशहूर अभिनेता अशोक कुमार उनके बड़े भाई थे। उन्होंने इन्दौर के क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई की थी।
- एक बार कॉलेज में किशोर कुमार पर कैंटीन वाले के पांच रुपये बारह की उधारी हो गयी।
- जब कैंटीन मालिक उन्हें उधारी देने को कहा तो वह टेबल पर गिलास और चम्मच बजा-बजा गाने गाते थे।
- वे पांच रुपया बारह आना गाने लगते थे और बात अनसुनी कर देते थे।
- बाद में उन्होंने अपने इस गीत को फिल्म में भी खूबसूरती से इस्तेमाल किया, जो काफी सुपरहिट रहा।
- 1980, 82 में भी उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
- उन्हें 1983 में आई फिल्म ‘अगर तुम ना होते’ के गीत ‘अगर तुम ना होते‘ के लिए फिल्फेयर अवार्ड मिला था।
- साथ ही 1984 में फिल्म `शराबी` के सुपरहिट गीत ‘मंजिले अपनी जगह है’ के लिए भी मिला था।
- 1985 की फिल्म ‘सागर’ के ‘सागर किनारे दिल ये पुकारे‘ के लिए भी किशोर को फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
- वर्ष 1987 में उन्होंने फिल्मों से सन्यास लेने के बाद वे अपने पैत्रक गांव खंडवा लौट आये।
- उनकी अंतिम इच्छानुसार किशोर कुमार को उनकी मातृभूमि खंडवा में ही दफनाया गया।
- वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज मधुर गीतों के रूप में लोगों के दिलों में है।