भारत के महान गायक आैैर संंगीत की दुनिया के सबसे बड़े सितारे मोहम्‍म्‍द रफी ने आज ही के दिन इस दुनिया को अलविदा कहा था। मोहम्‍मद रफी के गानेंं आज भी हजारों लोग गातेंं हुए नजर आते हैंं। वो संगीत की दुनिया के ऐसे गायक थे जिनके बिना भारतीय संगीत की कल्‍पना भी नही की जा सकती। उनके प्रति लोगों की दीवानगी ऐसी थी कि उनके जनाज़े में भारी बारिश के बावजूद करीब 10 हजार लोग शामिल हुए थे।

गाैैरतलब है कि रफी का जन्म 24 दिसंबर 1924 को पंजाब कोटला सुल्तान सिंह नाम के एक गांव में हुआ था। उन्‍हें बचपन से ही संगीत से बेपनाह मोहब्‍बत थी। वो अपनी जिन्‍दगी के बीसवे बरस में संगीत की दुनिया में अपनी किस्‍मत आजमाने के लिए मुम्‍बई पहुंच गयेे थेे। इससे पहले वे पंजाबी फिल्मों के लिए गा चुके थे। 1945 में फिल्म ‘गांव की गोरी’ में उन्होंने अपना पहला हिंदी गाना गाया और इसके बाद उनके पास ऑफर आते रहे और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

साल 1950 से 1970 के बीच रफी संगीतकारों के सबसे पसंदीदा गायक हुआ करते थे। रफी की एक खासियत यह भी थी कि वे जिस अभिनेता पर गाना फिल्माया जाना है उनकी पर्सनैलिटी को ध्यान में रखते थे। और उस हिसाब से अपनी आवाज में बदलाव करते थे। अपने सिंगिंग करियर में रफी ने 6 फिल्मफेयर और एक राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड जीता था।साल 1977 में आई नासिर हुसैन की ‘हम किसी से कम नहीं’ का ‘क्या हुआ तेरा वादा…’ गीत बेहद लाेेकप्रिय हुआ। इस फिल्म में ऋषि कपूर, अमजद खान, जीनत अमान जैसे सितारों ने काम किया था।

मोहम्मद रफी ने लगभग 700 फिल्मों के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में 26,000 से भी ज़्यादा गीत गाए हैं। उन्हों ने अंग्रेज़ी और अन्य यूरोपीय भाषाओं के गानों में भी अपनी आवाज दी। वर्ष 1965 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाज़ा था।

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