हिन्दी फिल्मों का एक ऐसा काॅॅमेंडियन जिसे फिल्मों में ज्यादातर हसंते हसाते हुए ही देखा जाता है। उनकी कामेंडी टाइमिग का जवाब नही है। उनका किसी फिल्म में होना ही इस बात की गारंंटी समझा जाता है कि फिल्म में कही ना कही कामेंडी सीन जरूर होगा।
दूसरे की जिन्दगी में खुशिया बांंटने वाला बॉलीवुड का ये अभिनेता आज खुद मुसीबत में पड़ता हुआ नजर आ रहा है। असल में बात ये है कि राजपाल यादव को झूठा हलफनामा दायर करने की वजह से 2013 में 6 दिन जेल की सजा मिली थी। यादव ने 3 दिसंबर 2013 से लेकर 6 दिसंबर 2013 तक 3 दिन जेल में काटे थे, जिसके बाद हाईकोर्ट की खडंपीठ ने उनकी अपील पर उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। अब राजपाल यादव के पास दिल्ली हाईकोर्ट का ये आदेश आया है कि 15 जुुलाई तक तिहाड़ में अपना सरेंडर कर दे और तिहाड़ जेल में अपनी सजा काटे।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की पीठ ने दिसंबर 2013 में सिंगल बेंच की ओर से राजपाल यादव को दी गई सजा बरकरार रखी है। कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया का पालन करने में यादव की नाकामी को स्वीकारा नहीं जा सकता। उनको अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद वह झूठ पर कायम रहे।
आपको बताते चले कि इस मामले की शुरुआत तब हुई जब दिल्ली के कारोबारी एमजी अग्रवाल ने पांच करोड़ रुपये के ऋण भुगतान में नाकाम रहने पर अभिनेता और उनकी पत्नी के खिलाफ वसूली वाद दायर किया था। यादव ने वर्ष 2010 में निर्देशक के रूप में पहली फिल्म बनाने के लिए ऋण लिया था। यादव पर आरोप है कि उस मामले में अदालत को गुमराह करने के लिए उन्होंने झूठा हलफनामा दायर किया था। अब जब इस मामले को लेकर कोर्ट ने फिर आदेश दे दिया है तो राजपाल यादव को दोबारा जेल हो सकती है।