फिल्म ’31 अक्टूबर’ इंदिरा गाँधी की हत्या पर बनी एक कहानी है। जो 1984 में हुई घटनाओं को फिर से याद दिलाएगी ये कहानी धर्म से जुडी हुई है। जिसमे धर्म के बारे में चर्चा की जाएगी। इसलिए इस फिल्म में विवाद तो होगा ही धर्म से जुडी होने के कारण ये फिल्म काफी सुर्खियाँ भी बटोर रही है।
फिल्म निर्देशक हैरी सचदेवा ने कहा :
- हर घटना को धर्म से जोड़ा जाना गलत है।
- फिल्म में हमे सिखों का पूरा सपोर्ट मिला है।
- 1984 के 33 साल बाद भी पीड़ितो को अब तक कोई इन्साफ नही मिला है।
- कितने सरकारे आई और चली गयी।
- लेकिन किसी को इंसाफ आज तक नही मिल पाया है।
1984 की घटनाओं पर आधारित फिल्म :
- हैरी कि यह फिल्म 1984 की घटनाओं की याद दिलाएगी।
- सच्ची घटनाओं पर बनी फिल्म दर्शको को भी अच्छी लगती है।
- हैरी को इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ी है।
- 1984 में सेंसर बोर्ड बिलकुल अलग थी।
- दिल्ली का रहन सहन और भाषा भी बिलकुल अलग थी।
- दिल्ली के लोगो का पहनावा भी काफी अलग था।
- अब तो दिल्ली बिलकुल ही बदल गयी है।
- इसलिए फिल्म में भी हमने उसी दौर को लाने की भरपूर कोशिश की है।
‘पार्च्ड’ इन वजहों से हर किसी को देखनी चाहिए!
हैरी की सेंसर बोर्ड से नाराज़गी :
- हैरी सेंसर बोर्ड के काम करने के अंदाज़ से खफा है।
- इनका मानना है कि सेंसर बोर्ड को सरकार से सिर्फ एक प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिये।
- फिल्म के सीन्स को काटने का काम नही देना चाहिये।
- जब तक सेंसर बोर्ड का कोई विरोध नही करेगा।
- तबतक इसमें कोई बदलाव नही आयेगा।
- हम मेहनत से फिल्म बनाते है ।
- और सेंसर बोर्ड बिना कुछ सोचे इसके सीन्स को काट देता है।
- सेंसर बोर्ड को फिल्म के साथ ऐसा नही करना चाहिये।
- सभी निर्देशकों को स्वतंत्रता देनी चाहिये।
- जिससे उनकी मेहनत कारगर साबित हो।
फिल्म से नई पीढ़ी को सीख :
- हैरी कहते है कि फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है।
- इसलिए ये चर्चा में बनी रहेगी।
- इस फिल्म का नई पीढ़ी पर भी काफी असर पड़ेगा।
- 1984 की घटना से नई पीढ़ी को भी कुछ सीखने को मिलेगा।