फ़िल्म ‘तेरा सुरूर’ एक गैंगस्टर रघु की कहानी है, जो तारा नाम की एक लड़की से प्रेम करता है। दोनो की प्रेम कहानी में कुछ ऐसा होता है कि तारा रूठकर आयरलैंड चली जाती है और वहां ड्रग्स सप्लाई के केस में फंसा दी जाती है। रघु को जब य‍ह पता चलता है तो वो तारा को बचाने के लिए आयरलैंड जाता है। अपने प्‍यार को बचाने के लिए रघु को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है बस यह ही इस कहानी का प्रमुख हिस्‍सा है। रघु की भूमिका निभाई है हिमेश रेशमिया ने और तारा के रोल में हैं फरहा करीमी।teraa suroor

तारा क्यों रूठकर आयरलैंड गई, किसने फंसाया तारा को, रघु ने तारा को कैसे बचाया जानने के लिए आप फिल्म देखिए क्योंकि इस फिल्म में ढेर सारे सस्पेंस हैं। ‘तेरा सुरूर’ एक गैंगस्टर के प्रेम के इर्द गिर्द बुनी गई कहानी वाली सस्पेंस फ़िल्म है, जिसमें अपनी महबूबा को किसी भी कीमत पर बचाने का जुनून रघु के अंदर दिखता है।
फ़िल्म का सस्पेंस अच्छा है। राइटर नम्रता रामसे और निर्देशक शावण का कहानी कहने का अंदाज उम्दा है। इसमें कई फ्लैशबैक आते-जाते अच्छे लगते हैं। अच्छी सिनेमेटोग्राफी है, जिसमें सुंदर दृश्यों को क़ैद किए गए हैं। हिमेश को सम्पूर्ण हीरो बनाकर पेश करने की कोशिश है। साथ ही शेखर कपूर और नसीरुद्दीन शाह भी अपनी छोटी छोटी भूमिकाओं में अच्छे लगे हैं।
अगर फ़िल्म की कमज़ोरियों की बात करें, तो फ़िल्म के अंदर कई सीन ऐसे आएंगे, जिन्हें देखकर आपको लगेगा की आप इसे देख चुके हैं। मसलन क्लाइमेक्स का सीन, रघु के कुछ पागलपन और रघु के गैंगस्टर बनने की वजह भी। हिमेश अच्छे संगीतकार हैं।
इसलिए इस फ़िल्म का संगीत भी अच्छा है, मगर ज़्यादातर पुराने गानों पर ही खेला गया है, जबकि वो नए गाने और दे सकते थे। फ़िल्म में कुछ इमोशनल सीन भी हैं जो दिल को छूने में नाकाम हैं। ये 2 घंटे से भी कम की फिल्म है, जिसकी कहानी के मोड़ ढूंढते हुए ख़त्म हो जाती है। इसलिए ये फिल्म आपको बोर नहीं करती।

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