आपको बता दें कि बॉल प्वाइंट पेन (google-invention ball-point) आज हमारी जिंदगी का बेहद अहम हिस्सा है. वहीँ आज के दौर में यह कुछ इस तरह से हम-लोगों से जुड़ा है जैसे कि हमेशा से साथ में रहा है. जबकि वास्तविकता यह है कि इसके अस्तित्व में आने के अभी आठ दशक भी मुकम्मल तौर पर नहीं गुजरे हैं.
तो ये बॉल प्वाइंट पेन का इतिहास (google-invention ball-point):
- बता दें कि बॉल प्वाइंट पेन (google-invention ball-point) आज हमारी जिंदगी का बेहद अहम हिस्सा है.
- दुनिया में हर शख्स आज इस बॉल प्वाइंट पेन से जुड़ा है.
- इसके आविष्कारक लैडिसलाव जोस बीराे (लैज्लो जोज्सेफ बीरो) थे। आज यानी 29 सितंबर को उनका 117वां जन्मदिन है।
- आपको बता दें कि इस पेन का आविष्कार दूसरे विश्व युद्ध से कुछ समय पहले हुआ था।
- इस अवसर पर गूगल ने अपने अंदाज में उनके सम्मान में उन पर डूडल बनाया है।
- लैडिसलाव जोस बीराे का जन्म 29 सितंबर 1899 को हंगरी के बुडापेस्ट में एक यहूदी परिवार में हुआ।
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- आपको बता दें कि वह पत्रकार, पेंटर और आविष्कारक थे।
- दरअसल वे फाउंटेन पेनों की स्याही और धब्बों से अक्सर परेशान हो जाते थे।
- लिहाजा उन्होंने इसका विकल्प तलाशने की सोची।
- वहां पर तत्काल सूखने वाली स्याही और रोलर देखकर उनको इसे बनाने का विचार सूझा।
- आपको बता दें कि काफी प्रयासों के बाद वो आखिरकार बाल पेन बनाने में कामयाब हो गये।