बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को भारतीय फिल्म जगत के सबसे बड़े सम्मान “दादा साहेब फाल्के पुरस्कार” के लिए चुना गया है। मनोज कुमार फिल्मों में आने से पहले हरीकिशन गिरि गोस्वामी के नाम से जाने जाते थे। 24 जुलाई 1937 को एबटाबाद में जन्में मनोज कुमार एक अभिनेता (मनोज कुमार दादा साहेब फाल्के) के साथ-साथ निर्देशक और प्रोड्यूसर भी रहे हैं। 1960 में पहली बार वह ‘कांच की गुड़िया’ फिल्म में लीड रोल में नजर आए थे।
‘दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड’ से सम्मानित हुए (मनोज कुमार दादा साहेब फाल्के):
- 78 साल के मनोज कुमार 1957 से 1995 तक फिल्मों में सक्रिय रहे।
- मनोज कुमार ने ‘हरियाली और रास्ता’, हिमालय की गोद में, ‘वो कौन थी’, उपकार, पूरब और पश्चिम, ‘नील कमल, रोटी कपड़ा और मकान, दो बदन’ और क्रांति जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में अभिनय किया है।
- इसके अलावा उन्होंने ‘पत्थर के सनम’, ‘साजन’, ‘सावन की घटा’, ‘पहचान’
- वहीँ ‘आदमी’ जैसी कई फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है।
- उपकार फिल्म के लिए मनोज कुमार को नेशनल अवॉर्ड दिया गया था।
- मनोज कुमार को उनकी देशभक्ति पर आधारित फिल्मों में अभिनय के कारण भारत कुमार के नाम से भी जाना जाता है।
- 78 वर्षीय मनोज कुमार (मनोज कुमार दादा साहेब फाल्के) ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।
- जिसके लिए उन्हें 47वें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड के लिए चुना गया है।
- मनोज कुमार को फिल्मों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए 1992 में पदमश्री से सम्मानित किया जा चुका है।
- अब फिल्म जगत की हस्तियों और सरकार ने उन्हें “दादा साहब फाल्के” से सम्मानित करने का फैसला लिया है।
- मनोज कुमार को इस पुरस्कार में शॉल, स्वर्ण कमल और 10 लाख रुपये का नकद ईनाम से सम्मानित किया जाएगा।
- इससे पहले 2014 में शशि कपूर को दादा साहेब पुरस्कार मिला था।]
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