भारत रत्न स्वर-कोकिला लता मंगेशकर संगीत की दुनिया की अनमोल गायिका हैं।पूरी दुनिया में उनके चाहने वाले हैं। संगीत की दुनिया की मल्लिका लता मंगेशकर को कई उपाधियाँ दी जा चुकी हैं। आज लता जी का 87वां जन्मदिन है।
लता जी का संगीत का सफ़र :
- लता जी की परवरिश महाराष्ट्र में हुई थी।
- इन्होंने पांच साल की उम्र में पिता के साथ रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू किया था।
- लता का बचपन से ही गायिका बनने का सपना था।
- आगे चलकर उनका यह सपना पूरा भी हुआ।
- लता ने पहली बार मंच पर गाना गाया था।
- जिसमें उन्हें 25 रूपए मिले थे।
- यही लता की पहली कमाई थी।
- 1942 में मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए लता जी ने गाना गाया था।
- छह की दशक से लता हिन्दुस्तान की आवाज बन चुकीं थी।
- लता ने 30 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाये।
- और अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।
- यहीं से लता जी का संगीत का सफ़र आगे बढ़ता चला गया।
- ये संगीत की दुनिया की मल्लिका बन गई।
- लता ही एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत हैं।
- जिनके नाम पर पुरूस्कार दिए जाते हैं
लता जी का जीवन :
- लता जी का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यम वर्गीय मराठा परिवार में हुआ था।
- मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर थे।
- इनका पहला नाम ‘हेमा’ रखा गया था।
- जिसे उनके माता – पिता ने पांच साल के बाद लता कर दिया।
- लता अपने सभी भाई – बहनों में बड़ी थी।
- मीना, आशा, ऊषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं।
- पिता दीनानाथ रंगमंच के कलाकार और गायक थे।
- लता के पिता शास्त्रीय संगीत को बहुत पसंद करते थे।
- इसीलिए लता जी के पिता उनका फिल्मो में गाना गाना पसंद नहीं करते थे।
- 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया था।
- जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी थी।
- तभी लता जी ने अपना संगीत का सफ़र आगे बढ़ाया।
- घर की स्थिति सुधारने के लिए लता जी ने मराठी और हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया।
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लता जी ने क्यूँ नही की शादी :
- कुंदनलाल सहगल की एक फिल्म चंडीदास देखकर लता ने कहा की वे बड़ी होकर सहगल से शादी करेंगी।
- लेकिन बड़ी होने के कारण घर की जिम्मेदारी भी लता पर ही थी।
- जिससे वे शादी का कोई निर्णय नहीं ले पा रही थी।
- इसीलिए लता जी शादी के बंधन में नहीं बंधी।
लता जी की प्रसंशकों से गुजारिश :
- अपने 87वें जन्मदिन पर लता जी ने देश की सीमा पर तैनात सेना के जवानों को याद किया है।
- अपने प्रसंशकों से कहा है की वे भी उन्हें याद करें।
- और उनके लिए कुछ दान करें।