होप बी लिट की फाउंडर रूही हाक ने कैंसर केयर में अपने शानदार कदम से आज इस मुकाम को हासिल कर लिया हैं। रूही का कहना है कि एनजीओ पैशन के लिए है, इसे अपने जॉब की तरह मत समझिये।
कैनकिड्स इंडिया ने लॉस एंजिल्स बेस्ड एनजीओ ‘होप बी ~ लिट‘ टीम के साथ कोलाबोरेट किया। कैंसर से पीड़ित लोगों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए और उन्हें सपोर्ट करने के लिए वे एक साथ आए।
21 दिसंबर, 2019 को नई दिल्ली में कैनकिड्स … किड्सकैन, ने कैंसर की जंग जीतने वाले और कैंसर प्रभावित लोगों को फाइनेंशियल तौर पर सहायता प्रदान की। इवेंट के चीफ गेस्ट रूही हाक (फाउंडर– होप बी ~ एलआईटी), सोनल शर्मा (को–फाउंडर, कैनकिड्स), पूनम बागई (फाउंडर, कैनकिड्स), हर्ष कुमार (सीओओ, कैनकिड्स) मॉडल एशले ओब्रेगन, और मीडिया पार्टनर एजिलोन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड थे।
रूही हाक ने अपने एनजीओ के बारे में बात करते हुए कहा, “मैं एक नेटवर्किंग इंजीनियर हूं, यह मेरी रेगुलर जॉब है, लेकिन ‘होप बी ~ लिट‘ मेरी लाइफ का उद्देश्य है। यह मेरा पैशन है, जिसे मेरे दोस्तों ने मुझे महसूस करने और हासिल करने में मदद की। और मैं यह मैसेज सबको देना चाहूंगी कि एनजीओ एक रेगुलर जॉब की तरह नहीं है, और यदि आप इसे एक रेगुलर जॉब की तरह लेकर नहीं चलते, तो यह एनजीओ के लिए काफी अच्छी बात होगी। एनजीओ को कई लोग एक जॉब की तरह समझते हैं, ऐसा मत करिये। एनजीओ एक पैशन है, और इसे अपने पैशन की तरह रहने दे।“
कैनकिड्स … किड्सकैन, 2004 से इंडिया में कैंसर से पीड़ित बच्चों की पूरी देखभाल करने और उनके परिवारों की भी देखभाल करने की एक नेशनल सोसायटी है। इसका मुख्य उद्देश्य कैंसर से पीड़ित बच्चों और उनके परिवार के जीवन रक्षा में सुधार करना है।
जिस तरह के निगेटिविटी से रूही गुजरी है और उसके बाद इस मुकाम पर पहुंची है, उसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “इंडिया में तो ये अलग है, लेकिन जब मैं यूएसए गई, तो उन्होंने मुझसे मेरी क्लासिफिकेशन के बारे में पूछा और मुझे बहुत ही निगेटिविटी का सामना करना पड़ा, लेकिन जैसे मैंने कहा, ये मेरा पैशन है, इसलिए मैंने सभी निगेटिविटी को अपनी टैगलाइन बनाना शुरू कर दिया। मैं अच्छा सिखाती हूं क्योंकि मैं एक टीचर नहीं हूं, मैं दांतों का अच्छे से ध्यान रख लेती हूं क्योंकि मैं एक डेंटिस्ट नहीं हूं, और मैं फिल्में अच्छी बनाती हूं क्योंकि मैं फिल्में रहने के लिए नहीं बनाती हूं।”
रूही हाक ने एक शॉर्ट डाक्यूमेंट्री ‘गॉट कैंसर‘ बनाई है, जो एक पाथ ब्रेकिंग फिल्म है, जिसे हाल ही में बेस्ट ह्यूमन इंटरेस्ट फिल्म के रूप में नामिनेटेड किया गया और लॉस एंजिल्स में नेशनल टेलीविजन पर प्रसारित किया गया।
अपनी फिल्म और इसके नाम के बारे में बात करते हुए, रूही ने कहा, “लोगों ने मुझसे पूछा कि किस तरह का नाम है, गॉट कैंसर, और मैंने कहा कि उन्हें कैंसर हो गया है, तो कैंसर के बारे में बात करते हैं। हम चीजों को सिंपल रखना पसंद करते हैं और सिंपल चीजें बनाते हैं, क्योंकि बच्चे बहुत नादान होते हैं। हमने एक बच्चे पर एक फिल्म बनाई और हमें बहुत प्यार और सराहना मिली, और साथ ही पैसे भी मिले।”
इसके अलावा रूही ने कहा कि बच्चे अडल्ट की तुलना में ज्यादा स्ट्रांग होते हैं और कैंसर से बचे रहने के लिए अच्छा मेंटल हेल्थ और सपोर्ट का होना बहुत जरूरी होता है। रूही ने कहा, “अडल्ट की अपेक्षा बच्चे कैंसर से बहुत अच्छे तरह से डील करते हैं। देखिए! बच्चे बहुत सरल स्वभाव के होते हैं और वे आसानी से नहीं डरते हैं, इसलिए अडल्ट की तुलना में वो कम डरते है। कैंसर के मामले में मेंटल हेल्थ का अच्छा होना सबसे जरूरी है। हम म्यूजिक और डांस का वर्कशॉप करते हैं; हम समय समय पर दातों का भी चेकअप करते रहते हैं, ताकि बच्चे कुछ समय अपनी बिमारी से ध्यान हटा कर, मस्ती कर सकें और लेकिन अडल्ट हमेशा अपनी बीमारी के बारे में सोचते रहते हैं।“
“कैंसर बुखार की ही तरह एक बीमारी है, कृपया करके ऐसे में अपने बच्चे को छोडिये मत क्योंकि शहरों और अन्य जगहों पर ऐसे बच्चों का सपोर्ट किया जा रहा है, और आपके बच्चे को भी उतना सपोर्ट दिया जाएगा। माता–पिता से मेरी एक ही विनती है कि अपने बच्चे को मत छोड़िये, बल्कि उन्हें को सपोर्ट करिये।”
कैनकिड्स ने एक बहु–प्रचारित स्ट्रेटजी अडॉप्ट की है, जिसमें AIIMS जैसे हॉस्पिटल्स के साथ पार्टनरशिप में काम करना, जो कि पूरे इंडिया में कैंसर से प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करता है। कैनकिड्स 42 शहरों के 22 राज्यों में 89 से अधिक कैंसर सेंटर में काम करता है। और हर साल लगभग चाइल्डहुड कैंसर के 12,000 से अधिक नए मामले सामने आते हैं।
अपने पोग्राम के बारे में बात करते हुए रूही ने कहा, “हमने जो भी पैसा कमाया है, हमने उसे कैंसर से पीड़ित बच्चों की एजुकेशन और ट्रीटमेंट में लगाया है, और हम पैरालिसिस से प्रभावित लोगों को भी फाइनेंशियल तरह से मदद कर रहे है। हमारा फोकस ज्यादातर एजुकेशन पर रहेगा, हम कैंसर से पीड़ित बच्चों को एजुकेशन फंड प्रदान करेंगे।”