बागपत जिले में गौशालाएँ और वृहद गौसंरक्षण केंद्र [ Gaushala in Baghpat ] स्थित हैं, जिनमें गोवंश के संरक्षण और देखभाल का कार्य किया जाता है। जिले में कुल 106 गौशालाएँ हैं, जिनमें कुल 8,496 गोवंश हैं और उनकी कुल क्षमता 6,848 गोवंश की है।

गौगोशाला के बारे में यह भी पढ़ें :: उत्तर प्रदेश की गौशाला : 20,000 से 25,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाएँ


1. बागपत जिले की प्रमुख गौशालाएँ [Gaushala in Baghpat]

➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)

  1. चलाकपुर, बिलरियागंज43 गोवंश
  2. बशीरपुर, बिलरियागंज80 गोवंश
  3. परान कुंडा, अजमतगढ़98 गोवंश
  4. हर्खोरी, अजमतगढ़51 गोवंश
  5. तेढ़ी जमीन, महाराजगंज176 गोवंश
  6. पिहर, हरैया195 गोवंश
  7. सेरा, मेहनगर270 गोवंश
  8. मेहनगर (नगरीय क्षेत्र)163 गोवंश
  9. जलालपुर, कोइलसा232 गोवंश
  10. हुसैपुर सनूप, कोइलसा68 गोवंश
  11. सदरपुर बड़ौली, फूलपुर88 गोवंश
  12. मौलानिपुर, तरवा194 गोवंश
  13. हैराइरामपुर, थेकमा99 गोवंश
  14. किशुनपुर, जहानागंज365 गोवंश
  15. भोपतपुर, जहानागंज304 गोवंश
  16. तमाुली, पल्हनी82 गोवंश
  17. शाहगढ़, सठियांव40 गोवंश
  18. माधोपुर धरंग, लालगंज37 गोवंश
  19. नारायणपुर, तरवा199 गोवंश
  20. बरेहटा, तरवा160 गोवंश

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन


➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)

  1. मियापुर बसदेवा, पल्हना396 गोवंश
  2. सुरहान, मार्टिनगंज365 गोवंश
  3. मकराहा, अतरौलिया110 गोवंश
  4. गद्दनपुर हिच्छन पट्टी, बिलरियागंज300 गोवंश

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा


➤ कान्हा उपवन (Kanha Upvan) गौशाला

  1. मुजफ्फरपुर, आजमगढ़ (नगर पालिका)321 गोवंश
  2. कटघर लालगंज, लालगंज92 गोवंश

2. कुल आंकड़े

  • कुल गौशालाएँ: 106
  • कुल गोवंश की संख्या: 8,496
  • कुल क्षमता: 6,848
  • सबसे बड़ी गौशाला: मियापुर बसदेवा, पल्हना (396 गोवंश)
  • सबसे छोटी गौशाला: जहानपुर, महाराजगंज (9 गोवंश)

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें : 40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा


3. बागपत की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) [Gaushala in Baghpat]

➤ मई 2022 – किशुनपुर गौशाला में गोवंश की मौत

  • जहानागंज तहसील के किशुनपुर गौशाला में 20 गोवंशों की अचानक मृत्यु हो गई।
  • प्रशासन ने जांच करवाई और प्रबंधन में लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही की गई।

➤ अक्टूबर 2022 – मेहनगर गौशाला में चारे की समस्या

  • चारे की कमी के कारण ग्रामीणों ने विरोध किया।
  • प्रशासन ने स्थिति को सुधारते हुए अतिरिक्त चारे की व्यवस्था कराई

➤ जनवरी 2023 – महाराजगंज गौशाला में आगजनी की घटना

  • आग लगने की घटना में गौशाला का शेड जलकर खाक हो गया।
  • दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया और घायलों का इलाज किया गया

➤ जून 2023 – फूलपुर गौशाला में जलभराव की समस्या

  • भारी बारिश के कारण गौशाला में जलभराव हो गया।
  • प्रशासन ने जल निकासी की उचित व्यवस्था कराई

➤ मार्च 2024 – मियापुर बसदेवा गौशाला में बीमार गोवंश

  • 50 से अधिक गोवंश बीमार पाए गए
  • तत्काल इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की टीम भेजी गई।

4. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

गौशालाओं में चारे और पानी की बेहतर व्यवस्था।
बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति।
स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी।
विशेष रूप से बड़ी गौशालाओं में अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की गईं।


बागपत जिले की गौशालाओं में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

Disclaimer : The information provided on this page about the Gaushala is sourced from various publicly available platforms including https://up.goashray.in/ . The “GoAshray Sthal” is the authoritative source for shelters-related data in Uttar Pradesh and we rely on their official records for the content presented here. Data is sourced upto the date of publication of this Article.

However, if you find any occasional inaccuracies or omissions in the information provided kindly message us at https://x.com/WeUttarPradesh

अस्वीकरण:

इस पृष्ठ पर गौशाला से संबंधित दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों, जिनमें https://up.goashray.in/ शामिल है, से प्राप्त की गई है। “गोआश्रय स्थल” उत्तर प्रदेश में आश्रयों से संबंधित डेटा का आधिकारिक स्रोत है, और यहां प्रस्तुत सामग्री उनके आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित है। यह डेटा इस लेख के प्रकाशन की तारीख तक संकलित किया गया है।

हालांकि, यदि आपको दी गई जानकारी में कोई त्रुटि या कमी मिलती है, तो कृपया हमें https://x.com/WeUttarPradesh पर संदेश भेजकर सूचित करें।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें