बांदा जिले में गौशालाएँ और वृहद गौसंरक्षण केंद्र स्थित हैं, जिनमें गोवंश के संरक्षण और देखभाल का कार्य किया जाता है। जिले में कुल 150+ गौशालाएँ [ Gaushala in Banda ] हैं, जिनमें कुल 67,762 गोवंश संरक्षित हैं।

गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण


1. बांदा जिले की प्रमुख गौशालाएँ [ Gaushala in Banda ]

➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)

  1. महुंवा, पोंडरा (नरैनी)79 गोवंश
  2. बिलगांव, अतर्रा450 गोवंश
  3. अर्जुनाह, महुंवा344 गोवंश
  4. पैगंबरपुर, महुंवा122 गोवंश
  5. मऊ गिरवन, महुंवा94 गोवंश
  6. मकरा, महुंवा410 गोवंश
  7. पचोखर, महुंवा240 गोवंश
  8. अलमपुर, बाबेरू125 गोवंश
  9. राहुसत, अतर्रा146 गोवंश
  10. तर्कहरी, महुंवा135 गोवंश
  11. बादौली, बबेरू143 गोवंश
  12. सिमौनी, बबेरू210 गोवंश
  13. मार्का, बबेरू468 गोवंश
  14. बना बरौली, बबेरू369 गोवंश
  15. कालाना, बबेरू250 गोवंश
  16. हरदौली, बबेरू449 गोवंश
  17. जसपुरा, पैलानी310 गोवंश
  18. सिंघपुर, तिंदवारी103 गोवंश
  19. शिवगढ़, बबेरू132 गोवंश
  20. पलहारी, बदौखर खुर्द325 गोवंश

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➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)

  1. बड़ागांव, बाबेरू565 गोवंश
  2. सिंधान कला, जसपुरा418 गोवंश
  3. रगौली भटपुरा, नरैनी683 गोवंश
  4. पौहार, नरैनी798 गोवंश
  5. गौरी कलां, जसपुरा223 गोवंश

➤ कान्हा उपवन (Kanha Upvan) गौशाला

  1. अतर्रा कान्हा उपवन1 गोवंश
  2. तिंदवारी कान्हा उपवन0 गोवंश
  3. मटौंध कान्हा उपवन27 गोवंश

2. कुल आंकड़े

  • कुल गौशालाएँ: 150+
  • कुल गोवंश की संख्या: 67,762
  • सबसे बड़ी गौशाला: पौहार वृहद गौसंरक्षण केंद्र (798 गोवंश)
  • सबसे छोटी गौशाला: अतर्रा कान्हा उपवन (1 गोवंश)

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3. बांदा की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) [ Gaushala in Banda ]

➤ मई 2022 – पचोखर गौशाला में चारे की कमी

  • चारे की भारी कमी के कारण गोवंश भूख से तड़पते रहे
  • स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रशासन ने आपूर्ति बहाल की

➤ जुलाई 2022 – बिलगांव गौशाला में 30 गोवंशों की मौत

  • प्रशासनिक लापरवाही के चलते बीमार गोवंशों का समय पर इलाज नहीं किया गया
  • जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए और लापरवाह कर्मियों को हटाया

➤ जनवरी 2023 – महुंवा गौशाला में बीमार गोवंश

  • 45 से अधिक गोवंश बीमार पाए गए
  • तत्काल इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की टीम भेजी गई

➤ अप्रैल 2023 – तिंदवारी गौशाला में आगजनी की घटना

  • अज्ञात कारणों से आग लगने से कई गौशाला शेड जलकर नष्ट हो गए
  • दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया और प्रशासन ने पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया

➤ अगस्त 2023 – पौहार गौशाला में 50 से अधिक गोवंशों की मौत

  • इस घटना ने गौशाला प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए
  • जिला प्रशासन ने तीन कर्मचारियों को निलंबित किया और नई टीम तैनात की

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4. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

गौशालाओं में चारे और पानी की बेहतर व्यवस्था।
बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति।
स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी।
विशेष रूप से बड़ी गौशालाओं में अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की गईं।


बांदा जिले की गौशालाओं [ Gaushala in Banda ] में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ गौशालाओं में संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं, जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं

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अस्वीकरण:

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