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गौशाला Gaushala

बुलंदशहर की गौशालाएं: संरक्षण और  2022 के बाद की प्रमुख घटनाएं

Gaushala in Bulandshahr - बुलंदशहर की गौशालाएं की जानकारी

Gaushala in Bulandshahr - बुलंदशहर की गौशालाएं की जानकारी

बुलंदशहर जिले में विभिन्न स्थायी और अस्थायी गौशालाएं (गो-अश्रय स्थल) [ Gaushala in Bulandshahr ] संचालित हैं, जो बेसहारा और असहाय गोवंश के संरक्षण के लिए कार्यरत हैं।


मुख्य गौशालाएं और उनकी स्थिति [ Gaushala in Bulandshahr ]

1. प्रमुख गो-अश्रय स्थल

बुलंदशहर जिले में कई स्थायी और अस्थायी गौशालाएं [ Gaushala in Bulandshahr ] कार्यरत हैं, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं:

इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में भी अनेक अस्थायी गौशालाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें नागला करण, जीवनत, कछेजा, और ख्वाजपुर अशरफपुर आदि शामिल हैं।

गोशाला के बारे में यह भी पढ़ें :: गौशाला: उत्तर प्रदेश के जिलों में 5000 से कम गौवंश


2. 2022 के बाद की प्रमुख घटनाएं [ Gaushala in Bulandshahr ]

(i) गौशालाओं में गोवंश संरक्षण में वृद्धि

2022 के बाद जिले में बेसहारा गोवंश को संरक्षण देने के लिए नए गौ-अश्रय स्थल खोले गए। कई अस्थायी आश्रय स्थलों की क्षमता भी बढ़ाई गई, जिससे अधिक गोवंश को सुरक्षित रखा जा सके।

(ii) ठंड और गर्मी में विशेष व्यवस्था

शीतलहर और भीषण गर्मी के दौरान गौशालाओं में चारा-पानी की व्यवस्था में सुधार किया गया। प्रशासन द्वारा भूसा बैंक स्थापित किए गए और जल टैंकरों की व्यवस्था की गई।

(iii) गौशालाओं में अव्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें [ Gaushala in Bulandshahr ]

2023 में कुछ गौशालाओं में चारे और पानी की कमी को लेकर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया। प्रशासन ने इस पर ध्यान देते हुए गोशालाओं की नियमित मॉनिटरिंग शुरू की।

(iv) गोवंश तस्करी और सुरक्षा

बुलंदशहर जिले में अवैध गोवंश तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने गौशालाओं के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।


3. प्रशासनिक प्रयास और भविष्य की योजनाएं

बुलंदशहर जिले की गौशालाएं बेसहारा गोवंश को संरक्षण प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रशासन द्वारा समय-समय पर निरीक्षण और आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति की जा रही है, जिससे गौशालाओं की स्थिति में सुधार हो सके।

उत्तर प्रदेश : 25,000 से 30,000 गौवंश क्षमता वाली गौशालाओं का अध्ययन
उत्तर प्रदेश : 30,000 से 40,000 क्षमता वाली गौशालाएं: उन्नाव, लखीमपुर खीरी, ललितपुर और महोबा
40,000 से अधिक क्षमता वाली गौशालाएं: हमीरपुर, जालौन (ओरई), झांसी, चित्रकूट, हरदोई, सीतापुर और बांदा

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

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