बहराइच जिले की गौशालाओं [ Gaushala in Bahraich ] की विस्तृत जानकारी और 2022 से अब तक की घटनाएँ

बहराइच जिले में गौशालाएँ और वृहद गौसंरक्षण केंद्र [ Gaushala in Bahraich ] स्थित हैं, जो गोवंश संरक्षण और देखभाल का कार्य कर रहे हैं। जिले में कुल 137 गौशालाएँ हैं, जिनमें कुल 24,041 गोवंश हैं।


1. बहराइच जिले की प्रमुख गौशालाएँ [ Gaushala in Bahraich ]

➤ अस्थायी आश्रय स्थल (Asthayi Ashray Sthal)

  1. धरसनवा, चितौरा945 गोवंश
  2. कटरा बहादुर गंज, चितौरा494 गोवंश
  3. रामवापुर, हुसूरपुर300 गोवंश
  4. सिसैया, नवाबगंज477 गोवंश
  5. परेसेंडी, कैसरगंज502 गोवंश
  6. सौगहना, फखरपुर569 गोवंश
  7. अमकोलवा, विशेश्वरगंज500 गोवंश
  8. लक्ष्मणपुर मटेही, बलहा351 गोवंश
  9. पीयारेपुर, फखरपुर331 गोवंश
  10. ताजवापुर, ताजवापुर258 गोवंश
  11. बंसीपुरवा, महसी497 गोवंश
  12. सररामुंडारी, बलहा384 गोवंश
  13. जैसौरा, विशेश्वरगंज299 गोवंश
  14. सिवापुर बैरागी, विशेश्वरगंज279 गोवंश

गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण


➤ वृहद गौसंरक्षण केंद्र (Vrihad Gau Sanrakshan Kendra)

  1. इंठहा, शिवपुर444 गोवंश
  2. कुंदरसर, कैसरगंज405 गोवंश
  3. बिरवा, ताजवापुर438 गोवंश
  4. चरदा, नवाबगंज297 गोवंश
  5. गोहानिया, फखरपुर151 गोवंश

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2. कुल आंकड़े

  • कुल गौशालाएँ: 137
  • कुल गोवंश की संख्या: 24,041
  • सबसे बड़ी गौशाला: धरसनवा गौशाला, चितौरा (945 गोवंश)
  • सबसे छोटी गौशाला: मोटीपुर कान्हा हाउस (1 गोवंश)

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3. बहराइच की गौशालाओं में हुई प्रमुख घटनाएँ (2022 से अब तक) [ Gaushala in Bahraich ]

➤ अप्रैल 2022 – सिसैया गौशाला में चारे की कमी

  • नवाबगंज की सिसैया गौशाला में मजदूरी न मिलने के कारण कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया, जिससे चारे की गंभीर कमी हो गई।
  • प्रशासन ने बाद में अतिरिक्त चारे की आपूर्ति कराई

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➤ सितंबर 2022 – अचौलिया गौशाला में बजट की समस्या

  • अचौलिया गौशाला, फखरपुर में बजट की कमी के कारण पशुओं के लिए चारा और दवा की आपूर्ति बाधित हुई।
  • स्थानीय प्रशासन ने वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया

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➤ जनवरी 2023 – सेमरहाना गौशाला में निरीक्षण और सुधार

  • मोतीपुर तहसील के एसडीएम ने सेमरहाना गौशाला का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
  • साफ-सफाई की स्थिति अच्छी पाई गई, जिसके लिए ग्राम प्रधान की सराहना की गई

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➤ मार्च 2023 – वन्यजीवों के हमले से गोवंश की मौत

  • कतरनिया घाट वन्यजीव क्षेत्र में तेंदुए के हमले से गौशाला के कई गोवंश मारे गए।
  • ग्रामीणों ने सुरक्षा की मांग की और वन विभाग ने सुरक्षा उपाय लागू करने का वादा किया

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➤ अक्टूबर 2023 – विशेश्वरगंज गौशाला में जलभराव

  • भारी बारिश के कारण गौशाला में जलभराव हो गया, जिससे पशुओं को काफी परेशानी हुई
  • प्रशासन ने जल निकासी की अतिरिक्त व्यवस्था की

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➤ मई 2024 – शाहपुर गौशाला में पशु चिकित्सा सुविधा का अभाव

  • गंभीर बीमारियों के कारण कई गोवंशों की मृत्यु हो गई।
  • प्रशासन ने आपातकालीन चिकित्सा दल भेजकर बीमार पशुओं का इलाज करवाया

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4. प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम

गौशालाओं में चारे और पानी की बेहतर व्यवस्था।
बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति।
स्थानीय निकायों द्वारा गौशाला प्रबंधन की निगरानी।
विशेष रूप से बड़ी गौशालाओं में अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की गईं।
गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव, ताकि पशुओं की देखभाल सही से हो सके।


बहराइच जिले की गौशालाओं में गोवंश की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, बजट की कमी, अव्यवस्था, वन्यजीवों का आतंक, और जलभराव जैसी समस्याएँ बनी हुई हैं। इन चुनौतियों को हल करने के लिए सरकार, प्रशासन और स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

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अस्वीकरण:

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