उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में संचालित गौशालाएं बेसहारा पशुओं की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। जनपद में कुल 30 सक्रिय गोंडा गौशाला हैं, जिनमें विभिन्न श्रेणियों की व्यवस्था की गई है। इनका संचालन नगर निकायों, ग्राम पंचायतों और स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जा रहा है।

गौशाला: उत्तर प्रदेश की सभी गौशालाओं (UP Gaushala) का विवरण

गोंडा गौशाला की संख्या और प्रबंधन

गोंडा जिले में:

  • 4 गौशालाएं नगर निकायों द्वारा चलाई जा रही हैं।
  • 19 स्थायी गौशालाएं ग्राम पंचायतों के तहत हैं।
  • 7 अस्थायी गौशालाएं भी बनाई गई हैं, जो मुख्यतः आपातकालीन या मौसमी जरूरतों के अनुसार संचालित होती हैं।

इन सभी गौशालाओं में बेसहारा गोवंश को शरण दी जाती है। यह प्रयास न केवल पशु कल्याण की दिशा में एक सराहनीय कदम है, बल्कि यह सड़क पर घूमने वाले जानवरों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को भी कम करता है।

गोंडा जिले की गौशालाएँ (82 सूचीबद्ध)

क्रमांकजिलातहसीलपता प्रकारविकास खंडगाँव का नामनगर निगम/पालिकागौशाला नामगौशाला प्रकारगोवंश संख्याक्षमता
1गोंडागोंडाग्रामीणपांडरी कृपालबेसिया चैनबछियाचैनअस्थायी आश्रय स्थल68
2गोंडागोंडाग्रामीणपांडरी कृपालकपीसाकपीसाअस्थायी आश्रय स्थल36
3गोंडागोंडाग्रामीणपांडरी कृपालखरहटियाखरहटियाअस्थायी आश्रय स्थल96
4गोंडागोंडाग्रामीणपांडरी कृपालउकराउकराअस्थायी आश्रय स्थल83
5गोंडागोंडाग्रामीणपांडरी कृपालगिलौलीकांजी हाउस गिलोलीकांजी हाउस18
82गोंडाकर्नलगंजग्रामीणहलधरमऊपटिसापटिसाअस्थायी आश्रय स्थल70
  1. सबसे अधिक गोवंश वाली गौशालाएँ:
  • रुद्रगढ़ मौसी (519 गोवंश)
  • चंदीपुर (742 गोवंश)
  • लौवाबीरपुर (351 गोवंश)
  1. गौशाला प्रकार:
  • 73 अस्थायी आश्रय स्थल
  • 6 कांजी हाउस
  • 3 विराट गौ संरक्षण केंद्र
  1. खाली गौशाला:
  • त्रिलोकपुर (0 गोवंश)

गोंडा गौशाला की 2022 के बाद की प्रमुख घटनाएँ

[ Mar 1, 2025 ] गोंडा जिले के कर्नलगंज क्षेत्र स्थित उल्ल्हा गौशाला में एक गोवंश की मौत ने ग्रामीणों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि मृत गोवंश को मरने से पहले ही आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर घायल कर दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंची। हालांकि, मृत गोवंश का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, जिससे नाराज ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से ग्रामीणों की तीखी बहस भी हुई। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि गौशाला में इसी तरह गोवंश मरते रहे तो वे इसे बंद कराने के लिए मजबूर होंगे। स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए लोगों ने उचित व्यवस्था की मांग की है।

[ Jan 1, 2024] गोंडा जनपद के कर्नलगंज ब्लॉक अंतर्गत गुरवलिया गांव स्थित गौशाला में गोवंशों की लगातार हो रही मौतों से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। यह स्थिति चौथे दिन भी बरकरार है, जिससे गौशाला की बदहाल व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि गौशाला में न तो गोवंशों के लिए हरा चारा है और न ही साफ पानी की समुचित व्यवस्था। बीमार और कमज़ोर गोवंशों की उचित देखभाल न होने के कारण वे तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। सबसे भयावह दृश्य तब सामने आया जब मरे हुए जानवरों को कुत्ते और कौवे नोच-नोचकर खाते हुए देखे गए।

इस हृदयविदारक स्थिति की सूचना प्रशासन को दिए जाने के बाद भी अभी तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों की मांग है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो और गौशाला की व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए, ताकि मासूम गोवंशों की जान बचाई जा सके।

यदि आपको किसी विशेष गौशाला के बारे में जानकारी चाहिए, तो कृपया बताएं। 🚩

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अस्वीकरण:

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