11 मई 1998, का दिन! तत्कालीन प्रधानमंत्री ने एक प्रेस मीटिंग बुलाई और सम्बोधित करते हुए कहा, ‘ 15:45 भारतीय समयानुसार, भारत ने पोखरण में 3 परमाणु परीक्षण किये जो की सफल रहे।’

इधर प्रधानमंत्री ने अपना सम्बोधन ख़त्म किया और उधर अमरीका इस बात से हैरान था कि उसकी सारी खुफिया एजेंसियां, जो कि ऐसे किसी टेस्ट के होने की स्थिति में अमरीका को खबर करती थी, उनको इसकी भनक तक नहीं लगी।

परमाणु परीक्षण के वक्त पोखरण पत्ते की तरह हिल उठा था! भूकम्प के अंदेशे के बीच घरों से बाहर निकलकर लोग भागने लगे थे! 3 दिनों तक पुरे पोखरण में डर का माहौल बन गया था। 

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भारत के इस परमाणु परीक्षण की खबर दुनिया के किसी देश को नहीं थी और भारत के इस कदम से बौखलाए अमरीका ने एक के बाद एक कई प्रतिबंध भारत पर लगा दिए। भारत को विश्व-पटल पर पहली बार इतने बड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ रहा था। भारत ने खुद को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया तो आनन-फानन में पाकिस्तान से भी इसकी प्रतिक्रिया आई और उसने भी परमाणु परीक्षण कर दिया। अमरीका की परेशानी बढ़ती जा रही थी। अमरीका कभी भी एशियाई देशों की बढ़ती शक्ति और सामर्थ्य को लेकर उत्साहित नहीं रहा और इस परमाणु परीक्षण ने अमरीका को उनकी खोजी एजेंसियों की सच्चाई से भी अवगत करा दिया था।

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