हाल ही में 1984 के सिख विरोधी हिंसा मामले में आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को द्वारका कोर्ट से कुछ शर्तों पर राहत मिली है. बताया जा रहा है कि कोर्ट ने सज्जन कुमार की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है.
लगाई गयी तीन शर्तें :
- हाल ही में 1984 के सिख-विरोधी हिंसा मामले में आरोपी सज्जन कुमार को आग्रिम ज़मानत मिल गयी है
- परंतु इस जमानत के साथ कोर्ट ने उन पर तीन शर्तें लगाई हैं.
- जिसके तहत पहली शर्त है कि वह एक लाख रुपये का बॉन्ड भरेंगे,
- दूसरी शर्त के अंतर्गत चल रही जांच में सहयोग करेंगे
- इसके साथ ही तीसरी शर्त के अंतर्गत देश छोड़कर नहीं जाएंगे.
- बताया जा रहा है कि उन्हें आज शाम 3 बजे एसआईटी के सामने पेश होना है.
- 1984 की सिख विरोधी हिंसा के मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिका पर द्वारका कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
सज्जन सिंह ने दायर की थी ज़मानत की अर्जी :
- बता दें कि SIT के सामने तीसरे समन में पेश होने से पहले सज्जन ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
- बताया जा रहा है कि उन्हें अपने गिरफ्तार होने की आशंका थी
- एसआईटी ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 2 नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए पहले बुलाया था.
- वहीं सज्जन कुमार ने कोर्ट में कहा है कि 32 साल बाद उनका नाम लिया गया है.
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके अनुसार यह एक राजनीतिक साजिश है.
- वहीं दूसरी ओर SIT द्वारा कहा गया कि सज्जन को दो बार पेश होने के लिए समन भेजे गए हैं
- परंतु वे इन समनों को नज़रंदाज़ करते हुए मात्र एक बार पेश हुए हैं.
- इसके साथ ही SIT ने बताया कि सवालों के जवाब में उन्होंने सिर्फ नाम पता बताया था.
- इसके साथ ही बताया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
- जिस कारण उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी हो गया है.
- बता दें कि बीते दिन कोर्ट ने आदेश को सुरक्षित रख लिया था.
- दरअसल SIT ने 1 नवंबर 1984 को जनकपुरी में सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या,
- साथ ही 2 नवंबर 1984 को विकासपुरी में गुरबचन सिंह को जलाने के मामलों की दोबारा जांच शुरू की है.
- आपको बता दें कि गुरबचन 29 साल तक बिस्तर पर रहे और तीन साल पहले उनकी मौत हुई है.
- इन मामलों में SIT ने कई गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं.
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