1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. साथ ही केंद्र को 4 हफ्तों में यह रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपने के आदेश दिए हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एक ताजा याचिका दायर की गई है, जिसमें कोर्ट की निगरानी में सिख विरोधी दंगों की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है. जिसपर कोर्ट ने केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी है. जिसके बाद अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.
सज्जन सिंह ने दायर की थी ज़मानत की अर्जी :
- बता दें कि SIT के सामने तीसरे समन में पेश होने से पहले सज्जन ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
- बताया जा रहा है कि उन्हें अपने गिरफ्तार होने की आशंका थी
- एसआईटी ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 2 नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए पहले बुलाया था.
- वहीं सज्जन कुमार ने कोर्ट में कहा है कि 32 साल बाद उनका नाम लिया गया है.
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके अनुसार यह एक राजनीतिक साजिश है.
- वहीं दूसरी ओर SIT द्वारा कहा गया कि सज्जन को दो बार पेश होने के लिए समन भेजे गए थे
- परंतु वे इन समनों को नज़रंदाज़ करते हुए मात्र एक बार पेश हुए थे.
- इसके साथ ही SIT ने बताया कि सवालों के जवाब में उन्होंने सिर्फ नाम पता बताया था.
- साथ ही बताया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
- जिस कारण उनको हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी हो गया है.