16 मई 2014 को बीजेपी के नेतृत्व ने NDA ने लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी और नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने! आज मोदी सरकार ने दो साल पुरे कर लिए हैं!

नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके पुरे भारत को बधाई देने के साथ एक विश्वास दिलाया था, ‘भारत की जीत हुई! अच्छे दिन आने वाले हैं!

सत्ता सँभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने भारत सरकार के तमाम मंत्रालयों में होने वाले काम-काज के तौर-तरीकों में बदलाव शुरू किया, जिसके तहत सभी आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन करना उनमें से एक है, ताकि लोगों को ऑफिस -ऑफिस चक्कर ना काटना पड़े! मोदी सरकार सभी प्रकार के सरकारी आवेदन प्रक्रियाओं को ‘ऑनलाइन‘ करके जनता तक अपनी बात सीधे तौर पर पहुँचाने और उनसे जुड़ने की दिशा में एक कदम माना गया।

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की बात करें तो ‘जनधन योजना‘ से लेकर ‘उज्जवला योजना‘ के बीच अनेक योजनाएं ऐसी रही जिनसे ग्रामीण क्षेत्र को अधिक से अधिक लाभ देकर उनके जीवन-स्तर और जरुरी चीजों को ध्यान में रखते हुए जनता के बीच उतारा गया।

ऐसी ही कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं से जुड़े मंत्रालयों और उनके मंत्रियों की परफॉरमेंस पर एक नजर कि इन मंत्रियों ने जनता के बीच सरकार की योजनाओं और उनसे जुड़े विषयों पर कितनी मेहनत की है और जनता का विश्वास सरकार में बना रहा इसके लिए और क्या -क्या किया है। 

  • मोदी सरकार में अगर मंत्रियों की बात करें तो सुषमा स्वराजपीयूष गोयल, सुरेश प्रभु, मनोहर पर्रिकर, नितिन गड़करी और अरुण जेटली की परफॉर्मेंस को देश में सराहा गया है। इन्होने अपने-अपने कार्य-क्षेत्र में जनता के वादों पर खरे उतरने की पूरी कोशिश की है।
  • इन मंत्रालयों ने किया बेहतर परफॉर्म-रेलवे, फॉरेन अफयर्स मिनिस्ट्री और फाइनेंस, पॉवर सेक्टर, डिफेन्स, भूतल परिवहन मंत्रालय।
  • राम विलास पासवान, बंडारू दत्तात्रेय, राधा मोहन सिंह, जेपी नड्डा और प्रकाश जावडेकर की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं मानी गई
  • इनका परफॉर्मेंस खराब रहा-लेबर एंड इम्प्लॉयमेंट, लॉ मिनिस्ट्री, रूरल डेवलपमेंट, कंज्यूमर्स अफेयर, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन और सोशल जस्टिस और एम्पावरमेंट मिनिस्ट्री।
  • गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर वेंकैया नायडू और एचआरडी मिनिस्टर- स्मृति ईरानी की परफॉर्मेंस एवरेज रही।  को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने भी अपने परफॉरमेंस में सुधार किया है और जनता ने इनकी मेहमत को ठीक-ठाक बताया है।

नरेंद्र मोदी की बेदाग छवि ने जनता को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है और केंद्र सरकार के तमाम मंत्रियों से इतर नरेंद्र मोदी के प्रयासों को सराहा गया है। तमाम सर्वे एजेंसियों द्वारा जारी सर्वे में प्रधानमंत्री के रूप में पहली पसंद नरेंद्र मोदी ही हैं। वहीँ सर्वे के दौरान जनता ने अपनी राय देते हुए ये भी कहा है कि मोदी को अन्य मंत्रियों और मंत्रालयों के काम-काज पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें ये रिपोर्ट लेनी चाहिए कि उनके मंत्री जनता के बीच जाकर योजनाओं के बारे में बताते हैं या नहीं! 

मोदी सरकार की नीतियों के बारे में बात करें तो , जहाँ पाकिस्तान के साथ नीति पर मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है वहीँ विश्व के अन्य देशों के बीच भारत के मजबूत होते रिश्तों ने उम्मीद कायम रखी है।

  • बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद का हल निकालने के बाद सबकी निगाहें इस बात पर जमी हुई हैं कि ‘कश्मीर-मुद्दे‘ पर कोई सकारात्मक कदम मोदी सरकार कब उठाएगी!
  • धारा 370 और कश्मीरी पंडितों को वापस कश्मीर में बसाना सरकार के लिए अभी भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
  • अर्थव्यवस्था में सुधार एक अच्छी खबर है और दुनिया के अन्य देश भी भारत की इस बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ इसके बढ़ते कदम को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
  • केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती आरएसएस के साथ सामंजस्य बिठाकर चलना है क्योंकि आये दिन हिन्दू-राष्ट्र के मुद्दे देश में विवाद का कारण बनते हैं।
  • यूनिफार्म सिविल कोड और फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट जैसे चुनावी दावों के बाद सरकार ने आजतक कोई संकेत नहीं दिया कि इन मुद्दों पर क्या किया जा रहा है और ना ही इसकी कोई समय-सीमा ही तय हुई है।
  • रोजगार के क्षेत्र में भी अभी बहुत प्रभावी कदम नहीं उठा पायी है सरकार, हालांकि दो साल गुजरने के बाद इसके संकेत मिलने लगे हैं कि अगले कुछ सालों में सरकार इसके लिए जरुरी कदम उठा सकती है। स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
  • जन-धन योजना की सफलता के बाद सरकार ‘उज्जवला योजना‘ के माध्यम से लोगों की  मुफ्त गैस सिलिंडर वितरित करने की योजना को और प्रभावी बनाने में जुटी है।
  • आजादी के बाद 7 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली जा चुकी है।
  • स्वच्छ भारत अभियान‘ और मेक इन इंडिया के अलावा डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं भी जनता के बीच अच्छी पहुँचने में काफी हद तक कामयाब हुई है।
  • आदर्श ग्राम योजना में ‘जयापुर‘ के अलावा कोई और उदाहरण ना मिलना इस योजना में सांसदों की रूचि को दर्शाता है।

जनता ने इतना बड़ा बहुमत इसीलिए दिया था उनकी स्थिति में सुधार हो ,रोजगार मिले, महंगाई कम हो, सड़कें अच्छी हो, प्रॉपर्टी खरीदने में सहूलियत हो, देश में शांति का माहौल हो! 

देश की जनता मोदी सरकार के काम-काज पर निगाहें जमाए हुई है कि ‘अच्छे दिन जरूर आएंगे’!

 

 

 

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