बीते कुछ समय में भारत ने कुछ ऐसे आतंकी हमले देखे जिन्हें भूल पाना देश के लिए नामुमकिन सा है. इन आतंकी हमलों में देश ने अपने अनगिनत जवान खोए हैं जिनकी कुर्बानी कभी भुलाई नही जा सकती है. राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की एक पत्रिका (NSG) के अनुसार साल 2015 में भारत मे सबसे ज़्यादा इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट हमले हुए, परंतु साल 2016 कुछ और ही द्रश्य लेकर सामने आया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 सबसे ज़्यादा आतंकी हमलों का साल माना जा रहा है. इस साल आतंकियों द्वारा देश की सीमा पार कर सुरक्षा बालों के कैंपो व काफिलों पर आतंकी हमले किये गए हैं.
पठानकोट एयरफ़ोर्स स्टेशन हमला :
- जनवरी 1-2 के बीच यह हमला 4 आतंकियों द्वारा अंजाम दिया गया था.
- इस हमले का मुख्या कारण लड़ाकू विमानों व सेना की संपत्ति को नुक्सान पहुंचाना था.
- बताया जाता है कि जनवरी 1 को 4 आतंकियों ने स्टेशन की दीवार पार कर अगली सुबह 3:10 पर हमला किया था.
- जिसके बाद सेना द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया था और इन आतंकियों को मार गिराया गया था.
- बता दें कि इस हमले में देश ने अपने 7 बहादुर जवान खो दिए थे.
- बताया जाता है कि हमले के एक दिन पहले पंजाब पुलिस के पास कुछ अहम खबरे आई थीं.
- जिसमे पंजाब पुलिस के अधीक्षक, उनके ड्राईवर व एक दोस्त के आतंकियों द्वारा अपहरण की खबर थी.
- इसके अलावा आतंकियों ने एक टैक्सी ड्राईवर की भी ह्त्या की थी.
- NIA की रिपोर्ट के अनुसार सारे आतंकी पाकिस्तानी थे और जश्न-ऐ-मुहम्मद के इशारों पर काम कर रहे थे.
पाम्पोर आतंकी हमला :
- बताया जाता है कि यह आतंकी हमला CRPF के काफिले पर किया गया था
- सेना का यह काफिला वार्षिक फायरिंग के अभ्यास सत्र से वापस लौट रहा था जब यह हमला हुआ
- आपको बता दें कि इस हमले में करीब 8 जवान शहीद हो गये थे
- इसके साथ ही करीब 22 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे
- बताया जाता है कि इस हमले के दौरान आतंकियों द्वारा 400 राउंड फायरिंग की गयी थी
उरी आतंकी हमला :
- सीमा रेखा पार कर यह हमला भारी हथियारों से लैस 4 आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था.
- बताया जाता है कि यह हमला एक इन्फैंट्री बटालियन के प्रशासनिक शिविर पर किया गया था.
- इस हमले में देश ने अपने 19 जवान खो दिए थे जिसमे से 13 को आतंकियों द्वारा ज़िंदा जलाया गया था.
- इसके अलावा हमले में करीब 32 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे.
- बताया जाता है कि यह हमला भी आतंकी संगठन जश्न-ऐ-मुहम्मद द्वारा अंजाम दिया गया था.
- यह आतंकी हमला इतना भयावह था जिसके बाद भारत सर्जिकल स्ट्राइक करने पर मजबूर हो गया था.
- इस हमले के बाद से भारत व पाकिस्तान के रिश्तों में खट्टास पड़ गयी थी.
नगरोटा हमला :
- उरी हमले के बाद आतंकियों को एक और हमले के लिए तैयार किया गया था.
- यह हमला नगरोटा के सेना मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर तैनात यूनिट पर किया गया था.
- इस हमले में देश को अपने 7 जवान जिसमे दो अफसर शामिल थे से हाथ धोना पड़ा था.
- इस हमले के दौरान आतंकी 2 इमारतों में घुस गए थे जहाँ पहले से जवान व उनके परिवार मौजूद थे.
- सेना ने काफी मुश्किलों का सामना कर 12 लोगों को आतंकियों के चंगुल से छुड़ाया था.
- बताया जाता है कि इस हमले में मारे गए आतंकियों के पास से उर्दू में लिखा एक ख़त मिला था.
- इस ख़त में आतंकी संगठन जश्न-ऐ-मुहम्मद के नाम के साथ-साथ अफज़ल गुरु का नाम भी शामिल था.
430 बार सीमा रेखा उल्लंघन :
- बताया जाता है कि साल 2016 में आतंकियों द्वारा अब तक 430 बार सीमा रेखा का उल्लंघन किया जा चुका है.
- जिसमे से 216 उल्लंघन नियंत्रण रेखा और सेना के परिचालन नियंत्रण में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर थे.
- वहीँ करीब 214 सीमा सुरक्षा बल के परिचालन नियंत्रण के तहत सीमा पर थे.
- यह खुलासा रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे द्वारा संसद में 29 नवंबर को किया गया था.
- बताया जाता है कि इस उल्लंघन में नवंबर 1 तक करीब 8 जवान शहीद हुए थे.
- इसके अलावा करीब 74 जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे.
- इसके अलावा नवंबर 7 तक BSF के 4 जवान शहीद हुए थे और करीब 7 जवान घायल हुए थे.
- बता दें कि इन हमलों में अब तक करीब 111 घर व संस्थान बर्बाद हो चुके हैं.